गुरुग्राम: हरियाणा के एक बड़े राजनीतिक परिवार से जुड़े जमीन धोखाधड़ी के एक सनसनीखेज मामले में गुरुग्राम की एक अदालत ने भाजपा के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई की बहन रोशनी, जीजा अनूप बिश्नोई और भांजी सुरभि के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इन पर दो मृत व्यक्तियों के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर गुरुग्राम में दो प्लॉट बेचकर लगभग ₹4 करोड़ की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला साल 2016-17 का है, जब गुरुग्राम के सेक्टर 23 और 23ए में स्थित दो प्लॉटों को अवैध रूप से बेचा गया था।
शिकायतकर्ता: पंजाब के फाजिल्का निवासी धर्मवीर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि ये प्लॉट उनके मृत पिता सुनील और चाचा संदीप कुमार के नाम पर थे। उनके चाचा संदीप की मृत्यु 2004 में हो चुकी थी।
फर्जीवाड़े का आरोप: शिकायत के अनुसार, आरोपियों ने हुडा (अब HSVP) विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर मृत संदीप कुमार की जगह किसी और व्यक्ति को पेश किया। फर्जी हस्ताक्षर और दस्तावेजों के आधार पर पजेशन सर्टिफिकेट, एनओसी और कन्वेंस डीड तैयार की गई।
फर्जी पहचान: आरोप है कि दस्तावेजों में मृतक संदीप कुमार के नाम पर बने पैन कार्ड पर आरोपी अनूप बिश्नोई के ड्राइवर चंद्रभान की और ड्राइविंग लाइसेंस पर गार्ड करणा राम की फोटो का इस्तेमाल किया गया। इन लोगों को नकली संदीप कुमार बनाकर पेश किया गया।
करोड़ों की रकम रोशनी के खाते में
शिकायतकर्ता के वकील प्रवीण दहिया के अनुसार, इन दोनों प्लॉटों को ₹2.42 करोड़ और ₹1.59 करोड़ में बेचा गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि सौदे से प्राप्त हुई पूरी रकम कुलदीप बिश्नोई की बहन रोशनी बिश्नोई के बैंक खाते में ट्रांसफर की गई थी। इस मामले में सौदा कराने वाले एक बिचौलिए विकास बिश्नोई को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

कोर्ट ने दिए सख्त आदेश
जांच अधिकारी एएसआई पवन कुमार ने अदालत को बताया कि आरोपियों के आवास पर 17 बार दबिश दी गई, लेकिन वे जानबूझकर गिरफ्तारी से बच रहे हैं। इस पर अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर को आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के सख्त निर्देश दिए हैं।
शिकायतकर्ता पक्ष का आरोप है कि मामला हरियाणा के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से जुड़ा होने के कारण पुलिस कार्रवाई करने में ढिलाई बरत रही है, जबकि असली अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं।










