Indian Railway Ownership: वंदे भारत और शताब्दी ट्रेनों के असली मालिक कौन हैं? जानिए चौंकाने वाला सच

Indian Railway Ownership:  भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े और व्यस्ततम रेलवे नेटवर्कों में से एक है। हर दिन लाखों लोग वंदे भारत, शताब्दी और राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेनों से ...

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वैशाली वर्मा

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Indian Railway Ownership: वंदे भारत और शताब्दी ट्रेनों के असली मालिक कौन हैं? जानिए चौंकाने वाला सच

Indian Railway Ownership:  भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े और व्यस्ततम रेलवे नेटवर्कों में से एक है। हर दिन लाखों लोग वंदे भारत, शताब्दी और राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेनों से सफर करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन ट्रेनों का सीधा मालिकाना हक भारतीय रेलवे के पास नहीं है?

जी हां, ये हाई-स्पीड ट्रेनें जिन पर भारतीय रेलवे की प्रतिष्ठा टिकी है, उनका असली स्वामित्व Indian Railway Finance Corporation (IRFC)के पास है — न कि खुद रेलवे के पास।


IRFC क्या है और इसकी भूमिका क्या है?

Indian Railway Finance Corporation (IRFC) एक केंद्र सरकार के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, जिसकी स्थापना 1986 में की गई थी। इसका मुख्य कार्य भारतीय रेलवे की वित्तीय जरूरतों को पूरा करना है, जैसे:

  • नई ट्रेनों की खरीद के लिए फंड जुटाना

  • इंजन, कोच और वैगन का स्वामित्व रखना

  • इन्हें भारतीय रेलवे को लीज (पट्टे) पर देना


किन-किन ट्रेनों का मालिक है IRFC?

🚄 प्रमुख ट्रेनें📌 स्वामित्व किसके पास
वंदे भारत एक्सप्रेसIRFC
शताब्दी एक्सप्रेसIRFC
राजधानी एक्सप्रेसIRFC
डीजल व इलेक्ट्रिक इंजनIRFC
कोच और मालगाड़ी के वैगनIRFC

IRFC इन सभी परिसंपत्तियों को खरीदकर भारतीय रेलवे को 30 वर्षों की लीज पर देती है। रेलवे उनका संचालन करता है, लेकिन तकनीकी स्वामित्व IRFC के पास ही रहता है।


IRFC उठाता है खर्च का जिम्मा

IRFC न केवल ट्रेनों का मालिक है, बल्कि उनके निर्माण, खरीद और रख-रखाव पर होने वाले बड़े वित्तीय खर्चों का भार भी उठाता है। इससे रेलवे की पूंजीगत लागत कम होती है और वह संचालन पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।


IRFC के पास कितनी रेलवे संपत्ति है?

रिपोर्ट्स के अनुसार:

  • IRFC के पास भारतीय रेलवे की 80% से अधिक संपत्तियों का स्वामित्व है

  • इसमें यात्री और मालगाड़ियों के कोच, इंजन और वैगन शामिल हैं

  • कुल संपत्तियों की कीमत लाखों करोड़ रुपये में आँकी गई है


कैसे काम करता है लीज मॉडल?

🔹 मॉडल🔍 विवरण
IRFC खरीदता हैट्रेनों, इंजन और कोचों को खरीदता है
भारतीय रेलवे किराए पर लेती हैइन्हें ऑपरेट करने के लिए लीज पर लेती है
30 साल की अवधिआमतौर पर 30 वर्षों तक की लीज होती है
रेलवे रखरखाव करता हैसंचालन और मेंटेनेंस रेलवे करता है

क्यों अपनाया गया यह मॉडल?

इस वित्तीय मॉडल का उद्देश्य रेलवे की पूंजीगत आवश्यकताओं को पूरा करना और उसे कर्ज के बोझ से मुक्त रखना है। यह सरकार की एक दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है, जिससे रेलवे की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी रहे।


वंदे भारत जैसी तेज़ और आधुनिक ट्रेनों पर हम सभी गर्व करते हैं, लेकिन इनका असली मालिक IRFC है — भारतीय रेलवे नहीं। इससे यह साफ होता है कि रेलवे केवल इन ट्रेनों का ऑपरेटर है, स्वामी नहीं

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