हरियाणा के सिरसा जिले के चौपटा क्षेत्र के गांवों के लिए गर्मी के इस मौसम में बड़ी राहत की खबर है। सोमवार से सिंचाई विभाग ने नहराना हेड से पानी छोड़ा, जिससे बरूवाली, कुताना, नोहर, शेरांवाली नहरों में जलप्रवाह शुरू हो गया है।
इन गांवों को मिलेगा फायदा
बरूवाली नहर में 174 क्यूसेक
कुताना नहर में 106 क्यूसेक
नोहर फीडर नहर में 150 क्यूसेक
शेरांवाली नहर में 80 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
इन नहरों से माखोसरानी, लुदेसर, रूपावास, रायपुर, ढूकड़ा, गुडियाखेड़ा, बरूवाली, कैंरावाली, दड़बा कलां, माधोसिंघाना जैसे गांवों को पानी मिलेगा।
पेयजल संकट की गंभीर स्थिति
नहरों में पानी की लंबे समय से बाराबंदी के चलते पेयजल स्टॉक खत्म हो चुका है। टेल पर पड़ने वाले गांवों में ट्यूबवेल की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग टैंकर से पानी खरीद कर पीने को मजबूर हैं। एक टैंकर का रेट ₹500 से ₹600 तक पहुंच चुका है।
गर्मी में बढ़ी दिक्कत, खेती भी प्रभावित
गांवों में इस समय गेहूं की कटाई और कढ़ाई का सीजन चल रहा है। ऐसे में खेतों को पानी की अधिक आवश्यकता है, वहीं दूसरी ओर लोग पीने के पानी के लिए भटक रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि हर बार गर्मी में यही हालात होते हैं, लेकिन समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता।
सरकारी पेयजल केंद्र बने, लेकिन स्टॉक नहीं
हालांकि, चौपटा क्षेत्र में पेयजल केंद्र तो बने हुए हैं, लेकिन स्टॉक की समुचित व्यवस्था नहीं है। जहां ट्यूबवेल लगे हैं वहां किसी तरह काम चल रहा है, लेकिन बाकी गांवों में स्थिति गंभीर है।
चौपटा क्षेत्र में नहरों में छोड़ा गया पानी निश्चित रूप से राहत लेकर आया है, लेकिन टेल गांवों तक नियमित और समुचित आपूर्ति सुनिश्चित करना अब भी एक बड़ी चुनौती है। पानी की स्थायी व्यवस्था के लिए सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार और मॉनिटरिंग सिस्टम को सशक्त करने की ज़रूरत है।