RRTS Corridor: यात्रियों के लिए आई बड़ी ख़ुशख़बरी, एक ही ट्रैक पर दौड़ेंगी नमो भारत और मेट्रो, जानें पूरा प्लान

RRTS Corridor: दिल्ली के सराय रोहिल्ला से गुड़गांव होते हुए राजस्थान के नीमराना तक प्रस्तावित रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इस ...

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वैशाली वर्मा

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RRTS Corridor: दिल्ली के सराय रोहिल्ला से गुड़गांव होते हुए राजस्थान के नीमराना तक प्रस्तावित रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इस रूट पर ‘नमो भारत’ ट्रेन मेरठ की तर्ज पर चलाई जाएगी और भविष्य में एक ही ट्रैक पर मेट्रो चलाने की योजना भी बनाई जा रही है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में एक बैठक के दौरान संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को मंजूरी देने के निर्देश दिए हैं।


105 किलोमीटर लंबा होगा कॉरिडोर, 16 स्टेशन प्रस्तावित

एनसीआरटीसी द्वारा तैयार संशोधित डीपीआर के मुताबिक, यह कॉरिडोर करीब 105 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें दिल्ली, गुड़गांव, धारूहेड़ा और नीमराना सहित कुल 16 स्टेशन शामिल होंगे।

इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 34,299 करोड़ रुपये है। इसमें से 60 प्रतिशत फंडिंग विदेशी कंपनियों से की जाएगी, जबकि शेष राशि दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान सरकारें साझा रूप से खर्च करेंगी।


भूमिगत और एलिवेटेड रूट

  • लगभग 70 किलोमीटर कॉरिडोर एलिवेटेड (जमीन से ऊपर) होगा।

  • शेष 35 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत रहेगा।

  • भूमिगत हिस्से में 3.65 किलोमीटर का हिस्सा अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क और मॉरफोलॉजिकल रिज के नीचे से होकर गुजरेगा।


एक ही ट्रैक पर चलेगी मेट्रो और नमो भारत ट्रेन

एनसीआरटीसी के प्रवक्ता पुनीत वत्स के अनुसार, मेरठ RRTS कॉरिडोर की तरह ही इस प्रोजेक्ट में भी एक ही ट्रैक पर मेट्रो चलाने की योजना है। ऐसे इलाकों में जहां आबादी घनी है, वहां मेट्रो सेवाएं शुरू की जाएंगी। इस मॉडल से अलग मेट्रो कॉरिडोर की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जिससे प्रोजेक्ट लागत और समय दोनों की बचत होगी।


राजस्थान में बनेगा नमो भारत ट्रेन का डिपो

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नमो भारत ट्रेन के लिए डिपो राजस्थान में बनाया जाएगा, जिसके लिए 70 हेक्टेयर जमीन राजस्थान सरकार से ली जाएगी। साथ ही स्टेशन डिज़ाइन को भी इस तरह से तैयार किया जाएगा कि मेट्रो संचालन में किसी प्रकार की रुकावट न आए।


दिल्ली से नीमराना तक प्रस्तावित यह RRTS कॉरिडोर न केवल राज्यों के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा, बल्कि एक ही ट्रैक पर मेट्रो संचालन की योजना देश में पहली बार एक क्रांतिकारी बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। इसके सफल होने पर भविष्य में अन्य रूटों पर भी यही मॉडल अपनाया जा सकता है।

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