हरियाणा सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लोगों के लिए एक नई राहत भरी नीति लागू की है। इस नीति का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सस्ते दरों पर आवास उपलब्ध कराना है। यह नीति 2021 की हाउसिंग नीति में संशोधन के बाद लागू की गई है और अब इसमें कई बड़े बदलाव किए गए हैं।
नई नीति की खास बातें
नई हाउसिंग नीति के तहत अब हर बिल्डर को अपने कुल फ्लैट्स में से 20 प्रतिशत यूनिट EWS वर्ग के लिए आरक्षित करनी होंगी। इससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को अपने घर का सपना पूरा करने का सुनहरा अवसर मिलेगा।
गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे प्रमुख शहरों में अब महज ₹1.5 लाख रुपये में फ्लैट खरीदना संभव होगा, क्योंकि सरकार ने EWS फ्लैट की अधिकतम कीमत ₹1.5 लाख या ₹750 प्रति वर्ग फीट तय की है।
दुरुपयोग रोकने के लिए सख्त प्रावधान
नई नीति को हरियाणा विकास एवं शहरी क्षेत्र विनियमन अधिनियम और अपार्टमेंट ऑनरशिप एक्ट के तहत रखा गया है ताकि इसका पारदर्शी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके और कोई व्यक्ति गलत तरीके से इसका लाभ न उठा सके।
सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है — राज्य में सामाजिक रूप से संतुलित आवासीय विकास को बढ़ावा देना और हर नागरिक को सम्मानजनक जीवन का अवसर देना।
कितना आरक्षण और किसके लिए
यदि कोई बिल्डर रिहायशी कॉलोनी विकसित करने के लिए लाइसेंस लेता है, तो उसे 20% हिस्सा EWS वर्ग के लिए आरक्षित करना होगा।
यदि किसी प्रोजेक्ट में फ्लैट आधारित रिहायशी सोसायटी विकसित की जा रही है, तो 15% फ्लैट EWS वर्ग के लिए रखने होंगे।
प्लॉट का आकार 50 वर्ग मीटर से 125 वर्ग मीटर तक निर्धारित किया गया है।
फ्लैट बेचने पर समय सीमा और अन्य नियम
नई नीति के अनुसार, EWS श्रेणी में आने वाले खरीदार अपने फ्लैट या प्लॉट को 5 साल से पहले नहीं बेच सकेंगे।
यदि आवंटन के बाद कुछ फ्लैट खाली रह जाते हैं, तो उन्हें ई-नीलामी (E-Auction) के माध्यम से बेचा जाएगा।
इसके अलावा, हाउसिंग फॉर ऑल विभाग इन फ्लैटों का उपयोग किराये के आवास योजनाओं में भी कर सकेगा।
अधिकारियों का कहना
नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग की वरिष्ठ नगर योजनाकार रेणुका सिंह ने बताया कि “हरियाणा सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए आवासीय प्लॉट और फ्लैट आवंटन नीति में संशोधन कर राहत देने का फैसला लिया है। इससे हजारों परिवारों को अपने घर का सपना पूरा करने में मदद मिलेगी।”












