हरियाणा की ग्राम पंचायतों के विकास और आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने एक अनूठी पहल शुरू की है। विकास एवं पंचायत विभाग की ओर से पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत प्रदेश के 1,747 सरपंच और निर्वाचित प्रतिनिधि अब राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के आदर्श गांवों का दौरा करेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य इन राज्यों की सफल ग्राम पंचायतों के कामकाज के मॉडलों को सीखना और उन्हें हरियाणा के गांवों में लागू करना है।
कब तक चलेगा यह अभियान?
यह व्यापक दौरा कार्यक्रम 17 नवंबर, 2025 से शुरू हो चुका है और 26 दिसंबर, 2025 तक चलेगा। सभी प्रतिनिधि 6 अलग-अलग चरणों में इस अध्ययन यात्रा पर जाएंगे, ताकि गहनता से सीखने का मौका मिल सके।
कितने प्रतिनिधि शामिल होंगे?
इस कार्यक्रम के तहत हरियाणा के 22 जिलों की 1,747 ग्राम पंचायतों से कुल 1,747 निर्वाचित प्रतिनिधियों का चयन किया गया है। इनमें 948 पुरुष प्रतिनिधि और 799 महिला प्रतिनिधि शामिल हैं, जो लैंगिक समानता को दर्शाता है।
किन 9 लक्ष्यों पर होगी खास नजर?
प्रतिनिधि विकास के 9 प्रमुख थीम (स्थानीय सतत विकास लक्ष्य) पर ध्यान केंद्रित करेंगे और जानेंगे कि दूसरे राज्यों ने इन्हें हासिल करने के लिए क्या नवाचार किए हैं। ये लक्ष्य हैं:
गरीबी मुक्त और उन्नत आजीविका वाली पंचायत
स्वस्थ गांव
बाल हितैषी गांव
जल पर्याप्त गांव
स्वच्छ और हरा-भरा गांव
आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाला गांव
सामाजिक रूप से न्यायसंगत व सुरक्षित गांव
सुशासन वाली पंचायत
महिला हितैषी गांव
इन लक्ष्यों के तहत ग्राम पंचायतों की आय के नए स्रोत ढूंढना, स्वास्थ्य, शिक्षा, जल संरक्षण, स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ तौर-तरीकों (Best Practices) को समझना शामिल है।
इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि हरियाणा के सरपंच दूसरे राज्यों के सफल मॉडलों से सीखकर अपने-अपने गांवों का तेजी से विकास कर पाएंगे और पंचायतों की आय में वृद्धि कर पाएंगे।












