Haryana News: हरियाणा सरकार ने गरीब परिवारों के लिए एक बड़ी राहत योजना शुरू की है। अब यदि किसी गरीब व्यक्ति की कुत्ते के काटने या बेसहारा घूमते पशुओं (जैसे गाय-भैंस, सांड, बैल, नीलगाय या गधे) के हमले में मौत हो जाती है या वह दिव्यांग हो जाता है, तो राज्य सरकार उसके परिवार को पांच लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।
दयालु योजना-2 का हुआ विस्तार
वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इस संबंध में दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु)-2 की अधिसूचना जारी कर दी है।
इस योजना का लाभ उन सभी परिवारों को मिलेगा जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक है। आवेदन ऑनलाइन माध्यम से तीन महीने के भीतर करना अनिवार्य रहेगा।
मुआवजा राशि की श्रेणियां
योजना के तहत सहायता राशि उम्र और नुकसान की स्थिति के अनुसार दी जाएगी —
- कुत्ते के काटने पर न्यूनतम ₹10,000 से ₹20,000 तक की सहायता। 
- 6 से 12 वर्ष की आयु वाले बच्चे की मृत्यु या 100% दिव्यांगता पर ₹1 लाख। 
- 12 से 18 वर्ष की आयु पर ₹2 लाख। 
- 18 से 25 वर्ष की आयु पर ₹3 लाख। 
- 25 से 45 वर्ष की आयु पर ₹5 लाख। 
- 45 से 60 वर्ष की आयु तक ₹3 लाख। 
अब तक 36 हजार से अधिक परिवारों को मिला लाभ
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दयालु योजना के तहत अब तक 36,651 परिवारों को ₹1380 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जा चुकी है।
यह योजना पहले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा 1 अप्रैल 2023 को शुरू की गई थी, लेकिन अब इसमें संशोधन कर इसे और अधिक लाभकारी बना दिया गया है।
बेसहारा पशुओं से बढ़ती दुर्घटनाएं चिंता का विषय
हरियाणा में हर महीने औसतन 10 लोगों की मौत बेसहारा पशुओं के हमले या सड़क हादसों में होती है।
हालांकि, इन घटनाओं में दिव्यांग होने वाले लोगों का कोई सटीक डेटा फिलहाल न तो यातायात पुलिस के पास है और न ही गोसेवा आयोग के पास।
उद्देश्य: गरीब परिवारों को वित्तीय सुरक्षा
दयालु योजना-2 का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसी गरीब परिवार को आकस्मिक दुर्घटनाओं के कारण आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े।
यह योजना सामाजिक सुरक्षा और संवेदनशील शासन की दिशा में हरियाणा सरकार का एक बड़ा कदम है।













