चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा की है कि अब शहद को भी भावांतर भरपाई योजना (BBY) में शामिल किया जाएगा। इस फैसले से प्रदेश के हजारों मधुमक्खी पालकों को सीधा लाभ मिलेगा।
क्या है भावांतर भरपाई योजना?
भावांतर भरपाई योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना है। इस स्कीम के तहत सरकार उपज के लिए एक संरक्षित मूल्य तय करती है। यदि बाजार में किसानों को इससे कम दाम मिलता है, तो सरकार बाजार मूल्य और संरक्षित मूल्य के बीच का अंतर भरपाई के रूप में देती है। अब शहद को इस योजना में शामिल किए जाने से मधुमक्खी पालकों को भी उनकी मेहनत का सही दाम मिलेगा।
मधुमक्खी पालन पर सब्सिडी
हरियाणा बागवानी विभाग मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को कई प्रकार की सब्सिडी प्रदान कर रहा है।
मधुमक्खी के बक्सों पर 85% तक अनुदान दिया जा रहा है।
कोई भी किसान अधिकतम 50 बॉक्स तक अनुदान प्राप्त कर सकता है।
इसके अलावा बाल्टी, कंघी, नेट और पैकिंग की बोतलें जैसी सामग्री पर 75% सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है।
पैदावार बढ़ाने में मददगार
मधुमक्खियां केवल शहद ही नहीं देतीं, बल्कि परागण के जरिए फसलों की पैदावार भी बढ़ाती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अक्टूबर से अप्रैल तक मधुमक्खियां शहद देती हैं और इस दौरान इन्हें फूल वाली फसलों के पास रखा जाता है, जिससे उपज बेहतर होती है।
सरकार के इस फैसले से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और शहद उत्पादन को राज्य में नया आयाम मिलेगा।