हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सर्व कर्मचारी संघ से जुड़ी रोडवेज वर्कर्स यूनियन ने 9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भाग लेने का ऐलान किया है। इस हड़ताल से राज्य की नायब सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि इससे बस सेवाएं ठप होने की आशंका है।
राज्य कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया निर्णय
हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक की अध्यक्षता यूनियन के राज्य प्रधान नरेंद्र दिनोदने की और संचालन महासचिव सुमेर सिवाच ने किया। बैठक में दो टीमों का गठन किया गया है, जो प्रदेश के डिपो में जाकर कर्मचारियों को हड़ताल में भागीदारी के लिए प्रेरित करेंगी।
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
संघ के नेताओं ने कहा कि 22 मई को महानिदेशक परिवहन विभाग और पूर्व परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के साथ बातचीत में कर्मचारियों की कई मांगें मानी गई थीं, लेकिन अब तक उन पर अमल नहीं किया गया है। ऐसे में यह सरकार की वादाखिलाफी है।
हड़ताल से यात्रियों को हो सकती है परेशानी
इस हड़ताल का सीधा असर आम यात्रियों पर पड़ सकता है, क्योंकि हरियाणा रोडवेज की बसों से रोजाना लाखों यात्री सफर करते हैं। यदि 9 जुलाई को चक्का जाम होता है तो यात्रा व्यवस्था चरमरा सकती है, जिससे छात्रों, नौकरीपेशा लोगों और आमजन को भारी दिक्कत होगी।