हरियाणा के सिरसा जिले में 10 दिनों के लिए आसमान बंद कर दिया गया है। जी हाँ, आपने सही सुना। सिरसा में ड्रोन, ग्लाइडर, रिमोट कंट्रोल्ड एयरक्राफ्ट, फ्लाइंग कैमरा, हेलीकैम – यानी हर तरह के मानव रहित हवाई यान की उड़ान पर पाबंदी लगा दी गई है। वजह? सुरक्षा। आंतरिक सुरक्षा। और आपातकालीन हालात से निपटने की तैयारी। लेकिन सवाल ये है: आख़िर सिरसा में ऐसा क्या हो रहा है, जो ज़मीन से लेकर आसमान तक चौकसी बरती जा रही है? क्या ये सिर्फ़ एक रूटीन कदम है, या फिर इसके पीछे कोई बड़ी वजह छिपी है? आइए, इस ख़बर को थोड़ा और करीब से देखते हैं।
7 मई, 2025। सिरसा के ज़िलाधीश शांतनु शर्मा ने एक आदेश जारी किया। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2024 की धारा 163 और ड्रोन नियम, 2021 के नियम 24 के तहत, जिले में अगले 10 दिनों तक कोई भी ड्रोन या हवाई यान नहीं उड़ सकता। और ये पाबंदी कोई मामूली पाबंदी नहीं है। ये लागू है उन सभी जगहों पर, जो रणनीतिक रूप से संवेदनशील हैं। रेलवे स्टेशन, पुलिस वायरलेस स्टेशन, हवाई संचार स्टेशन, बिजलीघर, बड़े बाँध, खाद्य भंडारण डिपो, जल आपूर्ति केंद्र, बैंक, कोषागार – और इन सबसे दो किलोमीटर के दायरे में। यानी, सिरसा का लगभग हर महत्वपूर्ण कोना इस प्रतिबंध की जद में है।
लेकिन सवाल उठता है: आख़िर क्यों? ज़िलाधीश ने अपने आदेश में कहा, “आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए।” लेकिन क्या ये सिर्फ़ एक औपचारिक बयान है? क्योंकि अगर आप गौर करें, तो सिरसा कोई ऐसा जिला नहीं है, जो आए दिन सुर्खियों में रहता हो। फिर अचानक इतनी सख़्ती क्यों? क्या ये किसी ख़ास ख़तरे की आशंका है? या फिर ये उस बड़े माहौल का हिस्सा है, जिसमें देश के कई हिस्सों में ड्रोन को लेकर सतर्कता बढ़ रही है?
रुकिए। ड्रोन की बात हो रही है, तो हमें पीछे भी देखना होगा। 2021 में जम्मू के वायुसेना स्टेशन पर ड्रोन हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। दो विस्फोट। दो जवान घायल। और सवाल – अगर ड्रोन इतनी आसानी से संवेदनशील ठिकानों तक पहुँच सकते हैं, तो हमारी सुरक्षा कितनी मज़बूत है? पंजाब और हरियाणा की सीमा पर ड्रोन से हथियार और ड्रग्स गिराए जाने की ख़बरें भी नई नहीं हैं। 2024 में, कांगड़ा में एक शख़्स को दवाइयाँ डिलीवर करने के लिए ड्रोन उड़ाने के आरोप में पकड़ा गया। और गुरुग्राम में? एक फूड डिलीवरी ड्रोन एक छत पर एंटीना से टकरा गया। ये घटनाएँ बताती हैं कि ड्रोन, जो कभी सिर्फ़ शादी की वीडियोग्राफी या खेतों की निगरानी के लिए थे, अब एक सुरक्षा चुनौती बन चुके हैं।
सिरसा में ये पाबंदी ऐसे वक़्त में आई है, जब ड्रोन नियमों को और सख़्त किया जा रहा है। ड्रोन नियम, 2021 कहते हैं कि बिना अनुमति के कोई ड्रोन संवेदनशील इलाकों में नहीं उड़ सकता। और सिरसा में, ये अनुमति अगले 10 दिनों तक किसी को नहीं मिलेगी। ज़िलाधीश ने साफ़ कहा है कि अगर कोई इन नियमों को तोड़ेगा, तो भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत कार्रवाई होगी। यानी, अगर आपने सोचा कि अपने ड्रोन से सिरसा के किसी मंदिर या बाज़ार का वीडियो बनाएँगे, तो पहले जेल की हवा खाने को तैयार रहिए।
लेकिन एक और कोण है। हरियाणा सरकार ड्रोन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा भी दे रही है। 2021 में, करनाल में ‘DRIISHYA’ नाम की एक सरकारी कंपनी बनाई गई, जो ड्रोन से मैपिंग और सर्वे कर रही है। उसी साल, सिरसा के पास बहादुरगढ़ से दिल्ली तक HPCL की पाइपलाइन का 51 किलोमीटर लंबा ड्रोन सर्वे हुआ था। तो एक तरफ़ ड्रोन को गले लगाया जा रहा है, और दूसरी तरफ़ आसमान बंद किया जा रहा है। ये विरोधाभास क्यों? क्या ये सिर्फ़ सावधानी है, या फिर सिरसा में कुछ ऐसा चल रहा है, जिसे हम नहीं जानते?
ज़िलाधीश ने आम लोगों से अपील की है कि वो नियमों का पालन करें। लेकिन सवाल वही है: 10 दिन? क्यों 10 दिन? क्या कोई ख़ास आयोजन होने वाला है? कोई VVIP मूवमेंट? या फिर कोई ख़ुफ़िया जानकारी, जिसके आधार पर ये कदम उठाया गया? सिरसा, जो पंजाब और राजस्थान की सीमा के पास है, पहले भी संवेदनशील रहा है। सीमा पार से ड्रोन की घुसपैठ कोई नई बात नहीं। लेकिन इस बार, प्रशासन ने कोई जोख़िम नहीं लिया।
तो क्या सिरसा का ये आसमान अब सचमुच 10 दिनों के लिए बंद है? या फिर ये सिर्फ़ एक शुरुआत है, और आने वाले दिनों में देश के और हिस्सों में भी ऐसी पाबंदियाँ देखने को मिलेंगी? ड्रोन, जो कभी तकनीक का कमाल था, आज सवालों के घेरे में है। और इन सवालों का जवाब शायद वक़्त देगा। लेकिन अभी के लिए, सिरसा के लोग अपने ड्रोन को घर में रखें, और प्रशासन की नज़रों से बचें। क्योंकि यहाँ, आसमान अब उतना आज़ाद नहीं रहा।