Indian Navy: हरियाणा की आस्था पूनिया बनीं पहली महिला फाइटर पायलट, नौसेना के इतिहास में रचा नया कीर्तिमान

भारतीय नौसेना के इतिहास में 3 जुलाई 2025 को एक नया अध्याय जुड़ गया, जब हरियाणा की बेटी सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया को भारतीय नौसेना की पहली महिला फाइटर पायलट ...

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वैशाली वर्मा

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Indian Navy: हरियाणा की आस्था पूनिया बनीं पहली महिला फाइटर पायलट, नौसेना के इतिहास में रचा नया कीर्तिमान

भारतीय नौसेना के इतिहास में 3 जुलाई 2025 को एक नया अध्याय जुड़ गया, जब हरियाणा की बेटी सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया को भारतीय नौसेना की पहली महिला फाइटर पायलट बनने का गौरव प्राप्त हुआ। आस्था को विशाखापत्तनम स्थित INS डेगा में आयोजित भव्य समारोह में ‘विंग्स ऑफ गोल्ड’ से सम्मानित किया गया।

यह सम्मान उन्हें नौसेना स्टाफ (वायु) के सहायक प्रमुख रियर एडमिरल जनक बेवली ने प्रदान किया। यह पहला मौका है जब किसी महिला अधिकारी को भारतीय नौसेना के लड़ाकू विमान उड़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।


लेफ्टिनेंट अतुल कुमार ढुल को भी मिला फाइटर पायलट का दर्जा

आस्था पूनिया के साथ ही लेफ्टिनेंट अतुल कुमार ढुल को भी फाइटर पायलट बनने का सम्मान मिला। दोनों ने बेसिक हॉक कन्वर्जन कोर्स (BHCC)के दूसरे बैच में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए सफलता प्राप्त की।


कौन हैं आस्था पूनिया?

  • आस्था पूनिया मूल रूप से हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं और मेरठ (UP) से भी उनका संबंध है।

  • उन्होंने नेशनल डिफेंस अकादमी (NDA) से ट्रेनिंग ली थी।

  • ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने हर पैमाने पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और सभी मानकों को सफलतापूर्वक पूरा किया।

  • फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि वह कौन सा फाइटर एयरक्राफ्ट उड़ाएंगी, लेकिन भारतीय नौसेना के पास MiG-29K जैसे एडवांस्ड फाइटर जेट मौजूद हैं।


कितनी मिलेगी सैलरी?

भारतीय नौसेना में सब-लेफ्टिनेंट रैंक पर उन्हें मिलने वाली बेसिक पे ₹56,100 से ₹1,77,500 तक होती है। इसके साथ ही उन्हें:

  • मिलिट्री सर्विस पे (MSP)

  • फ्लाइंग अलाउंस

  • यूनिफॉर्म और ट्रैवल भत्ते

  • फैमिली और मेडिकल सुविधाएं

भी प्रदान की जाती हैं।


महिला सशक्तिकरण की नई उड़ान

आस्था पूनिया की यह उपलब्धि केवल भारतीय नौसेना के लिए ही नहीं, बल्कि देश की करोड़ों बेटियों के लिए प्रेरणा है। इससे यह संदेश जाता है कि सपनों को पंख मिलते हैं जब हौसला मजबूत हो।


आस्था पूनिया ने यह साबित कर दिया है कि अब लड़ाकू विमान सिर्फ पुरुषों का क्षेत्र नहीं, बल्कि महिलाएं भी न केवल इन आसमानों को छू सकती हैं, बल्कि उनमें इतिहास भी लिख सकती हैं।

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