हरियाणा में बड़ा खुलासा: 1680 प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन बैन होंगे, विभाग ने की बड़ी कार्रवाई

चंडीगढ़। हरियाणा शिक्षा विभाग के मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम (MIS) पोर्टल पर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। प्रदेश के कुल 10,744 निजी स्कूलों में से 1680 ऐसे निजी स्कूल भी ...

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वैशाली वर्मा

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हरियाणा में बड़ा खुलासा: 1680 प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन बैन होंगे

चंडीगढ़। हरियाणा शिक्षा विभाग के मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम (MIS) पोर्टल पर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। प्रदेश के कुल 10,744 निजी स्कूलों में से 1680 ऐसे निजी स्कूल भी पोर्टल से जुड़े पाए गए, जो विभाग की नजरों में गैर मान्यता प्राप्त (Unrecognized) हैं। इस गड़बड़ी की जानकारी भी तब सामने आई, जब विभाग ने सभी निजी स्कूलों से RTE (राइट टू एजुकेशन) के तहत खाली सीटों की रिपोर्ट मांगी थी।

विभाग ने कई बार सूचना देने का अवसर दिया, लेकिन इन 1680 स्कूलों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। ऐसे में शिक्षा विभाग ने इन्हें गैर मान्यता प्राप्त मानते हुए इन स्कूलों के लिए MIS पोर्टल पर दाखिले की सुविधा बंद कर दी है, ताकि अब इन स्कूलों में बच्चों का प्रवेश न हो सके। अब इन स्कूलों में पढ़ रहे छात्र-छात्राएं एसएलसी (स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट) लेकर दूसरे मान्यता प्राप्त स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं।


MIS पोर्टल से हटाए जाएंगे सभी गैर मान्यता प्राप्त स्कूल

शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है कि जरूरी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इन सभी 1680 स्कूलों को MIS पोर्टल से पूरी तरह हटा दिया जाएगा। इस संबंध में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा की अध्यक्षता में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की गई।


9064 स्कूलों ने दी जानकारी, दस्तावेजों की वेरिफिकेशन जारी

शिक्षा विभाग ने आरटीई के तहत पात्र छात्रों को दाखिला दिलाने के लिए प्रदेश भर के 10,744 निजी स्कूलों से खाली सीटों और मान्यता संबंधी दस्तावेज मांगे थे। इनमें से 9064 स्कूलों ने जानकारी सौंप दी है। अब विभाग इन स्कूलों की मान्यता से जुड़े दस्तावेजों की जांच (वेरिफिकेशन)करवा रहा है।
अब तक कुल 6905 स्कूलों की वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जो कि कुल स्कूलों का 76.18% है।


डीईईओ को सौंपी गई वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी

शिक्षा विभाग ने वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी जिला स्तर पर DEEO (जिला प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी) को सौंपी है। सभी संबंधित अधिकारियों को 8 जून तक वेरिफिकेशन कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन अभी भी 2159 स्कूलों की जांच अधूरी है।

विभागीय सूत्रों का कहना है कि जो DEEO अधिकारी समय पर कार्य नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


फर्जी दस्तावेजों पर भी होगी कार्रवाई

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी स्कूल के दस्तावेजों में गड़बड़ी या फर्जीवाड़ा पाया गया, तो उसे भी गैर मान्यता प्राप्त स्कूल की श्रेणी में डाल दिया जाएगा। विभाग की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि केवल मान्यता प्राप्त स्कूलों में ही बच्चों को दाखिला मिले।

 

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