Haryana Agriculture News: हरियाणा के किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की केंद्रीय तकनीकी सलाहकार समिति (CTAC) ने बीमा कंपनी की अपील को खारिज कर दिया है। इस फैसले के बाद अब भिवानी, चरखी दादरी और नूंह जिलों के किसानों को करीब 85.5 करोड़ रुपये का मुआवजा एक हफ्ते के भीतर मिलेगा।
किसानों के पक्ष में आया फैसला
पूर्व कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि किसानों के पक्ष में आए इस फैसले के बाद बीमा कंपनी पर प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की जिम्मेदारी होगी। मामला रबी 2023-24 की फसल कटाई प्रयोगों (CCE) से जुड़ा था।
बीमा कंपनी ने उठाए थे सवाल
जनवरी 2025 में STAC के फैसले को चुनौती देते हुए बीमा कंपनी ने 3 मार्च 2025 को CTAC में अपील की थी। कंपनी का आरोप था कि भिवानी की 148, चरखी दादरी की 45 और नूंह की 38 बीमा इकाइयों में हुए CCE पर उसकी आपत्तियों को नजरअंदाज किया गया।
कंपनी का कहना था कि कृषि विभाग की रिपोर्ट बिना स्वतंत्र जांच के मान ली गई।
तकनीकी रिपोर्ट और तस्वीरों में प्रोटोकॉल उल्लंघन दिखता है।
सुनवाई में सामने आई सच्चाई
सरकार ने बताया कि कटाई प्रयोगों के दौरान बीमा कंपनी के प्रतिनिधि को-विटनेस के तौर पर मौजूद थे।
चरखी दादरी में 4 और भिवानी में 23 मामलों को छोड़कर कंपनी ने फॉर्म पर सिग्नेचर भी किए।
सबसे अहम यह कि CCE के दौरान कंपनी ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई, बल्कि फसल उपज के आंकड़े आने के बाद सवाल उठाए।
CTAC ने क्या कहा?
CTAC ने माना कि कंपनी की अपील समय सीमा के बाद दायर की गई थी और उसमें पुख्ता साक्ष्यों का अभाव था।
समिति ने कहा कि अर्ध-भौतिक मॉडल भू-आधारित CCE का विकल्प नहीं हो सकते।
इसलिए STAC का निर्णय बरकरार रखते हुए कंपनी को वास्तविक उपज आंकड़ों के आधार पर किसानों को मुआवजा देने का आदेश दिया गया।
किसानों को सीधा फायदा
इस फैसले के बाद तीन जिलों –
भिवानी
चरखी दादरी
नूंह
के हजारों किसानों को सीधा फायदा मिलेगा।