हरियाणा सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों और शिक्षकों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब जो भी छात्र किसी शोध (Research Project) पर काम करना चाहते हैं, उन्हें सरकार की ओर से 5 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। वहीं, शिक्षकों को प्रति प्रोजेक्ट 50 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा। इस कदम का उद्देश्य प्रदेश में शोध और नवाचार (Innovation) को बढ़ावा देना है।
देश का पहला राज्य बना हरियाणा
हरियाणा अब देश का पहला राज्य बन गया है जिसने विश्वविद्यालय और कॉलेज स्तर पर शोध और नवाचार को प्रोत्साहन देने के लिए 20 करोड़ रुपये का “राज्य अनुसंधान कोष” (State Research Fund) बनाया है। उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इस कोष के उपयोग को लेकर सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कॉलेजों के प्राचार्यों को निर्देश जारी किए हैं। इसका मकसद शिक्षण संस्थानों में एक मजबूत और गंभीर रिसर्च कल्चर विकसित करना है।
फंड का वितरण इस प्रकार होगा
इस 20 करोड़ रुपये की राशि में से 17 करोड़ रुपये शिक्षकों के लिए, 2 करोड़ रुपये छात्रों के लिए और 1 करोड़ रुपये प्रशासनिक व निगरानी कार्योंपर खर्च किए जाएंगे। सरकार चाहती है कि युवाओं और शिक्षकों को ऐसा माहौल मिले, जहां वे नए विचारों को वास्तविकता में बदल सकें।
आवेदन की प्रक्रिया और चयन मानक
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन केवल ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही किया जा सकेगा। आवेदन के साथ तीन हार्ड कॉपी जमा करनी होंगी। सभी प्रोजेक्ट्स की जांच के लिए एक स्थायी समिति (Permanent Committee) बनाई जाएगी, जो आवश्यकता अनुसार विषय विशेषज्ञों को भी शामिल करेगी।
प्रस्तावों की जांच उनकी प्रासंगिकता (Relevance) और व्यवहार्यता (Feasibility) के आधार पर की जाएगी। चयनित उम्मीदवारों को समिति के सामने अपने प्रोजेक्ट की प्रस्तुति (Presentation) देने का मौका मिलेगा। इस प्रक्रिया से न केवल पारदर्शिता बनी रहेगी बल्कि केवल योग्य उम्मीदवारों को ही अवसर मिलेगा।
हरियाणा में रिसर्च कल्चर को नई दिशा
सरकार के इस फैसले से हरियाणा में रिसर्च और नवाचार का एक नया अध्याय शुरू होगा। इससे युवाओं में शोध के प्रति रुचि बढ़ेगी और शिक्षकों को भी नए प्रयोग करने का अवसर मिलेगा। इस योजना से शिक्षा जगत में रोजगार, तकनीकी विकास और इनोवेशन की दिशा में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।













