हरियाणा सरकार ने एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए रोजगार के द्वार खोले हैं। राज्य सरकार ने अनुबंध कर्मियों की नियुक्ति नीति, 2022 में संशोधन करते हुए इन परिवारों के सदस्यों को अनुकंपा आधार पर अनुबंध रोजगार प्रदान करने का प्रावधान किया है। इस संबंध में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की गई है।
पात्रता: दंगा पीड़ित के परिवार का सर्वसम्मति से चयनित एक वर्तमान सदस्य इस योजना का लाभ उठा सकेगा।
कार्यान्वयन: नियुक्ति हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के माध्यम से लेवल-1, 2 या 3 के उपयुक्त पदों पर की जाएगी।
राज्य का बंधन नहीं: घटना चाहे हरियाणा में हुई हो या किसी अन्य राज्य में, प्रभावित परिवार को यह लाभ मिलेगा। इस प्रकार, दूसरे राज्यों के प्रभावित परिवार भी इसका लाभ उठा सकेंगे।
नौकरी की सुरक्षा: यदि किसी विभाग में स्थायी पद भर जाते हैं, तो ऐसे अनुबंध कर्मचारी को किसी अन्य विभाग या HKRN के प्रतिष्ठान में समायोजित करने का प्रावधान है। यह व्यवस्था HKRN द्वारा संबंधित विभागों के परामर्श से की जाएगी।
नीति का उद्देश्य:
इस संशोधन का उद्देश्य नीति के अनुकंपा और मानवीय पहलू को और मजबूत करना बताया गया है। यह कदम ऐतिहासिक त्रासदी से प्रभावित परिवारों को सामाजिक-आर्थिक सहायता और सशक्तिकरण प्रदान करने की दिशा में एक सार्थक पहल है।
अधिकारियों को निर्देश:
सरकार ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, उपायुक्तों, विश्वविद्यालयों तथा संबंधित अधिकारियों को संशोधित नीति का शब्दशः पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
यह फैसला हरियाणा सरकार की संवेदनशीलता और सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे दशकों पुराने दर्द को झेल रहे परिवारों को एक नया सहारा और आजीविका का अवसर मिलेगा, जो उनके पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।













