केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए विद्यार्थियों को कम से कम 75% उपस्थिति (Attendance) जरूरी होगी। यही नहीं, हर छात्र को दो साल तक लगातार चयनित विषयों की पढ़ाई और आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) भी अनिवार्य रूप से करना होगा।
सीबीएसई ने यह नियम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत शिक्षा की गुणवत्ता और निरंतरता को मजबूत करने के मकसद से लागू किए हैं।
दो साल तक विषय पढ़ना होगा अनिवार्य
- यदि किसी विद्यार्थी ने 9वीं कक्षा में कंप्यूटर और संगीत को वैकल्पिक विषय चुना है, तो उसे 10वीं तक वही विषय पढ़ना अनिवार्य होगा। 
- इसी तरह, 11वीं और 12वीं कक्षा को भी एक दो वर्षीय कार्यक्रम माना जाएगा और चयनित विषयों की लगातार पढ़ाई जरूरी होगी। 
विषय चयन और बोर्ड परीक्षा संरचना
- 9वीं और 10वीं कक्षा: विद्यार्थी 5 मुख्य विषय + 2 अतिरिक्त विषय ले सकेंगे। 
- 11वीं और 12वीं कक्षा: विद्यार्थी 5 मुख्य विषय + 1 अतिरिक्त विषय चुन सकेंगे। 
- सभी विषयों में आंतरिक मूल्यांकन और प्रैक्टिकल भी अनिवार्य होंगे। 
क्या होगा असर?
📌 नए नियमों से अब विद्यार्थियों को केवल परीक्षा के समय नहीं बल्कि पूरे दो साल पढ़ाई पर फोकस करना होगा।
📌 75% उपस्थिति की अनिवार्यता से स्कूल बंक करने वाले छात्रों पर सीधा असर पड़ेगा।
📌 इससे शिक्षा की गुणवत्ता और अनुशासन दोनों मजबूत होंगे।













