तख्त बदल दो, ताज बदल दो… ताऊ देवीलाल का नारा जो बन गया था भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन की आवाज

On: May 20, 2025 1:59 PM
Follow Us:
ताऊ देवीलाल

तख्त बदल दो, ताज बदल दो, बेईमानों का राज बदल दो” – यह नारा 1989 के आम चुनाव में चौधरी देवीलाल ने दिया था, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ जनआंदोलन की पहचान बन गया। हरियाणा के जनक कहे जाने वाले ताऊ देवीलाल का जन्म 25 सितंबर 1914 को सिरसा जिले के चौटाला गांव में हुआ था। जमीनी राजनीति से उठे इस किसान नेता ने न केवल हरियाणा की राजनीति को प्रभावित किया बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी अहम भूमिका निभाई।


प्रधानमंत्री पद ठुकराकर बने ताऊ

1989 में बहुमत के साथ संसदीय दल का नेता चुने जाने के बावजूद ताऊ देवीलाल ने प्रधानमंत्री बनने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा – “मैं सबसे बुजुर्ग हूं, सब मुझे ताऊ कहते हैं और मैं ताऊ ही बना रहना चाहता हूं।” इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री पद विश्वनाथ प्रताप सिंह को सौंप दिया, जिससे उनकी सादगी और देश के प्रति समर्पण की झलक मिलती है।


दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री और एक बार देश के उपप्रधानमंत्री

ताऊ देवीलाल का राजनीतिक करियर बेहद प्रभावशाली रहा।

  • वह 1977 से 1979 और फिर 1987 से 1989 तक दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने।

  • इसके अलावा वह 1989 से 1991 तक भारत के उपप्रधानमंत्री भी रहे।
    उनकी समाधि दिल्ली में स्थित ‘संघर्ष घाट’ पर बनी हुई है।


स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आपातकाल तक सक्रिय रहे

देवीलाल स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय रहे। उन्होंने महात्मा गांधी के आह्वान पर आंदोलनों में हिस्सा लिया और लाला लाजपत राय के साथ प्रदर्शनों में भाग लिया। 1952 में वह पहली बार कांग्रेस से विधायक बने। लेकिन आपातकाल (1975) के दौरान उनका कांग्रेस से मोहभंग हो गया और वह जनता पार्टी में शामिल हो गए।


1989 में भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल

1989 के आम चुनाव में जब ताऊ देवीलाल और वीपी सिंह साथ देशभर में यात्राएं कर रहे थे, उस समय उन्होंने एक जनसभा में देर से पहुंचने के बावजूद जोशीला भाषण देकर लोगों को झकझोर दिया। राजस्थान के बहरोड़ (अलवर) में ताऊ ने मंच से जोरदार नारा दिया –
“तख्त बदल दो, ताज बदल दो, बेईमानों का राज बदल दो”
यह नारा तब भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का प्रतीक बन गया था।


किंगमेकर की भूमिका में ताऊ

1987 से 1991 के बीच ताऊ देवीलाल देश की राजनीति में किंगमेकर की भूमिका में रहे। उन्होंने चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक सत्ता के गलियारों में अपनी मजबूत पकड़ बनाई। उनकी स्पष्टवादी और दबंग छवि ने उन्हें विशिष्ट पहचान दिलाई।

ताऊ देवीलाल
फ़ोटो क्रेडिट: INLD OFFICE

जनता के बीच रहने वाले नेता

ताऊ देवीलाल हमेशा जमीन से जुड़े नेता रहे। ग्रामीण जनता से सीधा संपर्क बनाए रखते हुए वह अकसर अचानक गांवों में पहुंच जाते थे। वहीं खाना खाते, हुक्का पीते और आम भाषा में लोगों से संवाद करते। इसी व्यवहार ने उन्हें ‘जननायक’ बना दिया।


उपप्रधानमंत्री के बाद का संघर्ष

उपप्रधानमंत्री बनने के बाद देवीलाल के लिए समय कठिन रहा।


निष्कर्ष

चौधरी देवीलाल केवल एक नेता नहीं बल्कि एक विचारधारा थे। उन्होंने किसानों, ग्रामीणों और आम आदमी के हक के लिए हर मोर्चे पर संघर्ष किया। उनका नारा आज भी राजनीतिक विमर्श में प्रेरणा का स्रोत है। ताऊ की सादगी, कड़क तेवर और जनसंपर्क की शैली भारतीय राजनीति में एक अलग छवि बनाती है।

वैशाली वर्मा

वैशाली वर्मा पत्रकारिता क्षेत्र में पिछले 3 साल से सक्रिय है। इन्होंने आज तक, न्यूज़ 18 और जी न्यूज़ में बतौर कंटेंट एडिटर के रूप में काम किया है। अब मेरा हरियाणा में बतौर एडिटर कार्यरत है।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Follow Now

और पढ़ें

हरियाणा विधानसभा का विंटर सेशन 18 दिसंबर से, कांग्रेस की आज विधायक दल की बैठक

हरियाणा विधानसभा का विंटर सेशन 18 दिसंबर से, कांग्रेस की आज विधायक दल की बैठक, इनेलो ने भी की तैयारी

अभय चौटाला

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अभय चौटाला की Z+ सुरक्षा की याचिका पर आज सुनवाई, धमकियों और अपर्याप्त सुरक्षा का किया दावा

इनेलो

इनेलो महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष तनुजा बोलीं-कांग्रेस-भाजपा, जेजेपी को सपने में दिख रहे अभय चौटाला

दिग्विजय चौटाला

जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला का डीजीपी ओपी सिंह पर हमला: ‘तानाशाह, बीजेपी का एडवोकेट नहीं’, सुरक्षा वापसी को बताया ‘तुगलकी फरमान’

अजय चौटाला

दुष्यंत चौटाला हैं देवीलाल, छोटूराम और बादल से बड़े नेता! अजय चौटाला ने दुष्यंत ने किसानों को आर्थिक आज़ादी दिलाई

कुलदीप बिश्नोई

हरियाणा की राजनीति में फिर सक्रिय हुए कुलदीप बिश्नोई, बड़ी रैली और नए समीकरणों के संकेत; सोशल मीडिया पोस्ट से बढ़ी चर्चा