हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता में बुधवार को सब-कमेटी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रशासनिक पुनर्गठन को लेकर चार प्रमुख सिफारिशें की गईं। बैठक में यमुनानगर, सिरसा और झज्जर जिलों के कुछ गांवों को नई तहसीलों व उप-तहसीलों में शामिल करने की सिफारिश की गई है।
यमुनानगर जिले में गांव चाहड़वाला को उप-तहसील सरस्वती नगर से हटाकर तहसील बिलासपुर में शामिल करने और गांव रुपोली को तहसील रादौर से हटाकर उप-तहसील सरस्वती नगर में शामिल करने की अनुशंसा की गई है।
सिरसा जिले के गांव मलिकपुर, किंगरे, नौरंग, बनवाला और मिठड़ी को तहसील कालांवाली से हटाकर तहसील डबवाली में शामिल करने की सिफारिश की गई है। वहीं झज्जर जिले के गांव बिलोचपुरा, भिण्डावास और शाहजहांपुर को माननहेल से हटाकर तहसील झज्जर में सम्मिलित करने की सिफारिश की गई।
बैठक में कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा और राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा भी उपस्थित रहीं।
बैठक के बाद मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देश पर गठित इस सब-कमेटी के पास अब तक विभिन्न क्षेत्रों से 69 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें गांवों को नई तहसीलों व उप-तहसीलों में शामिल करने की मांग की गई है। कुछ प्रस्तावों पर सहमति दी गई है, जबकि शेष मामलों पर संबंधित उपायुक्तों से रिपोर्ट तलब की गई है।
पंवार ने बताया कि उप-तहसील के लिए कम से कम 10 गांव, 5 से 10 पटवार सर्कल, 60 हजार से अधिक जनसंख्या, 15 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल और उपमंडल मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी अनिवार्य होती है। वहीं तहसील के लिए 20 गांव, दो उप-तहसील, पांच से अधिक पटवार सर्कल, 80 हजार जनसंख्या और एक उपमंडल से 15 किलोमीटर की दूरी आवश्यक मानी जाती है।
उपमंडल के लिए न्यूनतम 40 गांव, 15 पटवार सर्कल, ढाई लाख जनसंख्या और जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी जरूरी है। नए जिले के गठन के लिए 125 से 200 गांव, एक या दो उपमंडल, चार लाख से अधिक जनसंख्या और 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल जैसे मानदंड तय किए गए हैं।
पंवार ने बताया कि गोहाना, हांसी, असंध, सफीदों और डबवाली को नए जिले बनाने के प्रस्ताव कमेटी के पास हैं, जिन पर विचार जारी है।