Haryana New District Update: हरियाणा का प्रशासनिक नक्शा एक बार फिर बदलने की तैयारी में है। राज्य सरकार 1 नवंबर, 2025 को हरियाणा दिवस के अवसर पर प्रदेश के 23वें जिले की घोषणा कर सकती है। प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन को लेकर बनाई गई कैबिनेट उप-समिति के पास 10 नए जिले बनाने का प्रस्ताव है, लेकिन सूत्रों के अनुसार पहले चरण में किसी एक को ही जिले का दर्जा दिया जाएगा।
दौड़ में कौन सबसे आगे?
नए जिले की दौड़ में डबवाली सबसे आगे है। डबवाली हरियाणा का सबसे बड़ा उपमंडल है और इसके आख़िरी गाँव की दूरी ज़िले मुख्यालय से 70 किलोमीटर से ज़्यादा है। वहीं ख़ुद डबवाली शहर की दूरी भी 60 किलोमीटर से ज़्यादा है।
वहीं गोहाना और हांसी भी मजबूत दावेदार बनकर उभरे हैं। सरकार इन्हीं तीन में से किसी एक नाम पर हरियाणा दिवस के मौके पर मुहर लगा सकती है। इनके अलावा असंध, पटौदी, सफीदों, नारायणगढ़, मानेसर, पिहोवा और बरवाला जैसे क्षेत्रों को भी जिला बनाने के प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन हैं। बाकी प्रस्तावों पर जनगणना के बाद फैसला लिया जा सकता है।
पुनर्गठन के लिए मिले 73 प्रस्ताव
प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन के लिए कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता वाली उप-समिति को अब तक कुल 73 प्रस्ताव मिल चुके हैं। इनमें शामिल हैं:
10 नए जिले
14 नए उपमंडल
4 नई तहसीलें
27 नई उप-तहसीलें
नए जिले के लिए क्या हैं मानदंड?
उप-समिति ने नए जिले, उपमंडल और तहसील बनाने के लिए स्पष्ट मानदंड तय किए हैं। एक नया जिला बनाने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी होनी चाहिए:
गांवों की संख्या: 125 से 200 गांव।
आबादी: 4 लाख से अधिक।
क्षेत्रफल: 80 हजार हेक्टेयर से अधिक।
समिति द्वारा लिए गए निर्णयों को अंतिम मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पास भेजा जाएगा।
हरियाणा के जिलों का इतिहास
1 नवंबर 1966 को जब हरियाणा एक अलग राज्य बना, तब इसमें केवल 7 जिले थे: अम्बाला, जींद, हिसार, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, करनाल और रोहतक। इसके बाद समय-समय पर नए जिले बनते गए। प्रदेश का 22वां जिला चरखी दादरी 2016 में बनाया गया था। अब लगभग 9 साल बाद प्रदेश को 23वां जिला मिलने की संभावना है।












