हरियाणा में राशन कार्ड धारकों के लिए नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने ई-प्वाइंट ऑफ सेल (ई-पॉश) मशीन के सॉफ्टवेयर को अपडेट कर दिया है। अब लाभार्थियों को डिपो से राशन लेते समय गेहूं, चीनी और सरसों तेल के लिए अलग-अलग बायोमैट्रिक सत्यापन करना होगा। पहले यह प्रक्रिया केवल एक बार अंगूठा लगाने से पूरी हो जाती थी, लेकिन अब तीन बार यह प्रक्रिया दोहरानी होगी।
उद्देश्य: पारदर्शिता और बेहतर निगरानी
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य राशन वितरण प्रणाली को और पारदर्शी बनाना है। इससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या हेराफेरी पर रोक लगेगी। साथ ही स्टॉक की निगरानी (मानिटरिंग) भी अधिक सटीक होगी। वर्तमान में प्रदेश में 9,364 राशन डिपो संचालित हैं, जहां हर माह लगभग 67 करोड़ 65 लाख किलोग्राम से अधिक अनाज वितरित किया जाता है।
समय बढ़ेगा, उपभोक्ताओं को करनी होगी प्रतीक्षा
डिपो धारकों का कहना है कि नई प्रणाली तकनीकी रूप से बेहतर जरूर है, लेकिन इससे कार्यभार बढ़ेगा और समय भी अधिक लगेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में कमजोर नेटवर्क के कारण मशीनों के स्लो चलने की संभावना है, जिससे उपभोक्ताओं को ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है। पहले जहां एक लाभार्थी को औसतन 10 मिनट में राशन मिल जाता था, अब इस प्रक्रिया में 25 से 30 मिनट तक का समय लग सकता है।
नई व्यवस्था से जहां पारदर्शिता बढ़ेगी और गड़बड़ी पर अंकुश लगेगा, वहीं उपभोक्ताओं और डिपो संचालकों को अधिक समय और धैर्य की आवश्यकता होगी।










