हरियाणा मौसम अपडेट: हरियाणा में एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ ने मौसम का मिज़ाज पूरी तरह बदल दिया है। मौसम विभाग के अनुसार आज (सोमवार) फतेहाबाद, हिसार, जींद, करनाल, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला, पानीपत, रोहतक और सोनीपत में मूसलाधार बारिश होने का अनुमान है। वहीं सिरसा, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, रेवाड़ी और नूंह जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। इस दौरान 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
सुबह से ही कई जिलों में बादल छाए हुए हैं। रविवार-सोमवार की दरमियानी रात में भी प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई। हिसार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर में पानी भर गया, जो सुबह तक भी नहीं निकाला जा सका। वहीं बहादुरगढ़ में बारिश और तेज हवाओं के कारण एक मकान पर पेड़ गिर गया, हालांकि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।
किसानों को नुकसान, ओलावृष्टि ने बढ़ाई चिंता
रविवार शाम सिरसा जिले के जमाल गांव में ओलावृष्टि हुई, जिससे कपास की फसल को नुकसान पहुंचा। हिसार और फतेहाबाद में भी अचानक तेज बारिश और हवाओं के कारण धान और कपास की फसल प्रभावित हुई है। मौसम विभाग ने किसानों को सतर्क रहने और कटाई में सावधानी बरतने की सलाह दी है।
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव, बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने और राजस्थान के ऊपर बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते नमी भरी हवाएं उत्तर-पश्चिमी भारत की तरफ बढ़ रही हैं। इसका असर 7 अक्टूबर तक रहेगा। 8 अक्टूबर से प्रदेश में तापमान में गिरावट आने की संभावना है।
मानसून रहा मेहरबान
इस साल हरियाणा में मानसून ने 24 जून को दस्तक दी और 24 सितंबर को वापसी की। 1 जून से 30 सितंबर तक हरियाणा में कुल 568.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य (426 मिमी) से 33% अधिक है। इस बार किसी जिले में बारिश की कमी दर्ज नहीं हुई। यमुनानगर जिले में सबसे अधिक 1116.9 मिमी वर्षा हुई। यह 1988 के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ गई, जब राज्य में 1108.8 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।
हरियाणा में 7 अक्टूबर तक बारिश और आंधी-तूफान का दौर जारी रह सकता है। मौसम विभाग ने लोगों और किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है।













