कुल्लू/देहरादून। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के लंबित एरियर भुगतान को लेकर हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के बीच तनातनी बढ़ गई है। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को कुल्लू जिले के बंजार के देहरी में आयोजित एक जनसभा में बड़ा बयान देते हुए स्पष्ट कर दिया कि जब तक हरियाणा और दिल्ली 14 साल से लंबित एरियर नहीं चुकाते, तब तक उन्हें पानी नहीं मिलेगा।
क्या बोले मुख्यमंत्री सुक्खू?
मुख्यमंत्री ने कहा,
“हम दिल्ली और हरियाणा को पानी जरूर देंगे, लेकिन पहले वे BBMB के 14 साल से लंबित एरियर का भुगतान करें। उन्हें पहले सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करना होगा, तभी किशाऊ बांध पर आगे बढ़ने की कोई बातचीत होगी।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि हिमाचल के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और राज्य को उसका वाजिब हिस्सा मिलना चाहिए।
क्यों है BBMB का विवाद?
BBMB हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली को जल और बिजली की आपूर्ति करता है। हिमाचल प्रदेश का दावा है कि उसे इस बोर्ड से पिछले 14 वर्षों का बिजली और जल बकाया एरियर नहीं मिला है। यह मामला लंबे समय से चला आ रहा है और अब सुक्खू सरकार ने इसे राजनीतिक और कानूनी प्राथमिकता पर ला दिया है।
किशाऊ बांध भी अटका
किशाऊ बांध, जो हिमाचल और उत्तराखंड की सीमा पर यमुना नदी पर प्रस्तावित है, दिल्ली और हरियाणा के जल संकट का संभावित समाधान माना जाता है। लेकिन अब हिमाचल ने इस परियोजना पर आगे बढ़ने के लिए वित्तीय और कानूनी शर्तें रख दी हैं।