कुरुक्षेत्र। हरियाणा के कुरुक्षेत्र की 9 साल की अनाया सौदा ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो हर किसी के बस की बात नहीं। इस छोटी सी बच्ची ने माइनस 12 डिग्री तापमान और कठिन हालातों में 130 किलोमीटर लंबी ट्रैकिंग पूरी कर माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर तिरंगा फहराया।
इतनी कम उम्र में ऐसा कीर्तिमान बनाकर अनाया हरियाणा की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही बन गई हैं। खास बात यह है कि उन्होंने यह ट्रैकिंग अभियान ड्रग्स के खिलाफ युवाओं को प्रेरणा देने के उद्देश्य से किया।
बुआ की कहानियों से जागा पहाड़ चढ़ने का सपना
5वीं कक्षा की छात्रा अनाया को पर्वतारोहण का जुनून अपनी बुआ ममता सौदा (DSP, हरियाणा पुलिस) से मिला, जो खुद माउंट एवरेस्ट फतह कर चुकी हैं। उनके पति राजेश सौदा पर्वतारोहण ट्रेनर हैं। अनाया जब भी ममता से मिलती, उनसे पहाड़ों की रोमांचक कहानियां सुनती और खुद भी एवरेस्ट तक जाने का सपना देखने लगी।
फरवरी 2024 से की तैयारी, मां बनी सबसे बड़ी साथी
अनाया ने फरवरी 2024 से एवरेस्ट बेस कैंप की तैयारी शुरू कर दी। मां रूपाली सौदा रोज सुबह 5 बजे उसे जगा कर जिम ले जातीं। अनाया वहां एक्सरसाइज करती, दौड़ती और शाम को साइकिल चलाती। मां साइकिल पर होतीं और अनाया पीछे दौड़ती।
साथ में था भाई आर्यन, रोज चलते थे 10 KM
इस साहसिक सफर में अनाया के साथ उसका 8 साल का भाई आर्यन भी था। दोनों को राजेश सौदा ने कड़ी ट्रेनिंग दी। 30 अप्रैल को परिवार दिल्ली से काठमांडू (नेपाल) पहुंचा, जहां से 1 मई को लुकला और फिर 3 मई से ट्रैकिंग शुरू हुई। रोजाना दोनों करीब 8-10 घंटे की चढ़ाई करते और 10 किलोमीटर का सफर तय करते।
बुखार, स्किन बर्न, बारिश और माइनस तापमान से नहीं मानी हार
ट्रैकिंग के दौरान अनाया को बुखार, स्किन बर्न, और खाने का स्वाद चला जाना जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बारिश और ओले भी रुकावट बने, लेकिन अनाया रुकी नहीं। उसे बर्फ, ऑक्सीजन की कमी और पथरीले रास्तों से भी गुजरना पड़ा, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी।
14 मई को एवरेस्ट बेस कैंप पहुंचा और लहराया तिरंगा
14 मई की सुबह गोरखशेप से अंतिम चढ़ाई शुरू हुई और सुबह 11 बजे, माइनस 12 डिग्री तापमान में अनाया और आर्यन ने माउंट एवरेस्ट के बेस कैंपपर भारत का तिरंगा फहराया। इस मिशन के बाद 26 मई को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चंडीगढ़ में अनाया को सम्मानित किया।
पिता ने कहा: बेटियों पर गर्व है
अनाया के पिता एडवोकेट महेश सौदा ने कहा कि दोनों बच्चों ने 130 किलोमीटर की कठिन ट्रैकिंग पूरी कर इतिहास रच दिया। यह सफलता सिर्फ अनाया की नहीं, हरियाणा की हर बेटी की प्रेरणा है।