हरियाणा के फरीदाबाद जिले के निवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। 1 नवंबर, 2025 से जिले की सभी तहसीलों और उप-तहसीलों में संपत्ति की रजिस्ट्री पूरी तरह से पेपरलेस (Paperless) होने जा रही है। इस नई व्यवस्था के लागू होने के बाद, जमीन या संपत्ति के पंजीकरण के लिए स्टांप पेपर खरीदने और तहसीलों के बार-बार चक्कर काटने की जरूरत खत्म हो जाएगी।
चरणबद्ध तरीके से लागू हो रही योजना
डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में यह एक बड़ा कदम है, जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 30 सितंबर को कुरुक्षेत्र की बाबैन तहसील से की थी।
- पहला चरण: 29 सितंबर को कुरुक्षेत्र से शुरुआत। 
- दूसरा चरण: 28 अक्टूबर से फरीदाबाद, अंबाला, करनाल, रेवाड़ी समेत 10 जिलों में लागू। 
- तीसरा चरण: 1 नवंबर से हरियाणा के सभी 22 जिलों में यह प्रणाली अनिवार्य हो जाएगी। 
राजस्व विभाग ने अब लोगों को स्टांप पेपर न खरीदने की सलाह दी है। जिन लोगों ने पहले से स्टांप पेपर खरीद लिए हैं, उन्हें 1 नवंबर से पहले अपनी रजिस्ट्री करा लेनी चाहिए, क्योंकि इसके बाद पुरानी पंजीकरण प्रणाली काम नहीं करेगी।
कैसे काम करेगी पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली?
नई डिजिटल प्रक्रिया को बेहद सरल और पारदर्शी बनाया गया है:
- ऑनलाइन अपलोड: रजिस्ट्री कराने वाले व्यक्ति को राजस्व विभाग के पोर्टल ( - eregistration.revenueharyana.gov.in) पर जमीन से संबंधित सभी दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करने होंगे।
- ऑनलाइन भुगतान: स्टांप शुल्क का भुगतान भी ऑनलाइन ही सरकारी खजाने में जमा होगा। 
- दस्तावेजों की जांच: दस्तावेज अपलोड होते ही वे संबंधित तहसीलदार को दिखने लगेंगे। रजिस्ट्री क्लर्क 5 दिनों के भीतर इनकी जांच करेगा और कोई कमी होने पर आवेदक को सूचित करेगा। 
- सिर्फ एक बार जाना होगा: सभी दस्तावेज सही पाए जाने पर आवेदक को सिर्फ एक बार फोटो खिंचवाने और बायोमेट्रिक हस्ताक्षर के लिए तहसील कार्यालय बुलाया जाएगा। 
- ऑनलाइन मिलेगी रजिस्ट्री: प्रक्रिया पूरी होने के बाद रजिस्ट्री की डिजिटल कॉपी आवेदक को ऑनलाइन ही मिल जाएगी, जिसे वे घर बैठे प्राप्त कर सकेंगे। 
क्या होगा फायदा?
फरीदाबाद एस्टेट एजेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान आकाश गुप्ता ने इस सुविधा को बेहतर बताया है, लेकिन उन्होंने पूरी गाइडलाइन जारी करने की मांग की है ताकि लोगों को शुरुआती दौर में कोई परेशानी न हो। इस नई प्रणाली से न केवल समय और धन की बचत होगी, बल्कि दलालों से भी छुटकारा मिलेगा और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। फरीदाबाद जिले में तीन तहसीलें (फरीदाबाद, बल्लभगढ़, बड़खल) और पांच उप-तहसीलें (दयालपुर, मोहना, गौंछी, तिगांव, धौज) हैं, जहां यह नियम लागू होगा।













