हरियाणा के यमुनानगर में एक सप्ताह पहले मिली निर्वस्त्र व धड़ से अलग महिला की लाश का मामला सुलझ गया है। पुलिस ने हत्यारे के रूप में पीड़िता के लिव-इन पार्टनर बिलाल को गिरफ्तार किया है। आश्चर्यजनक रूप से, बिलाल की शादी आज (14 दिसंबर) तय थी, और पुलिस ने उसे निकाह से महज एक दिन पहले ही पकड़ लिया।
प्रेम संबंध से उबरने के लिए की सुनियोजित हत्या
पूछताछ में बिलाल ने कबूला कि वह दो साल से सहारनपुर (यूपी) निवासी उमा (एक विवाहिता व एक बच्चे की मां) के साथ रह रहा था। जब बिलाल के परिवार ने उसकी शादी तय कर दी और उमा ने उस पर शादी का दबाव बनाया, तो उसने उमा को “ठिकाने” लगाने की ठानी।
6 दिसंबर की रात कार में ही गला घोंटा
6 दिसंबर की शाम बिलाल उमा को घुमाने के बहाने कार में ले गया। यमुनानगर के प्रतापनगर (बहादुरपुर) के पास कार रोककर, पीछे की सीट पर बैठकर, सीट बेल्ट से ही उमा का गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। शिनाख्त रोकने के लिए उसने चाकू से उसका सिर काट लिया और कपड़े उतार लिए। धड़ को पॉपुलर की नर्सरी में फेंक दिया, जबकि कटा सिर और कपड़े कलेसर के जंगल में ले जाकर फेंक दिए, ताकि जानवर खा जाएं।
सीटीटीवी और मोबाइल डेटा से जुड़ी कड़ियां
एसआइटी ने सीटीटीवी फुटेज में एक यूपी नंबर की कार को संदिग्ध पाया। मोबाइल लोकेशन और टावर डंप के आधार पर पता चला कि कार बिलाल की थी। पुलिस जब 13 दिसंबर को उसके सहारनपुर स्थित घर पहुंची, तो पता चला कि 14 दिसंबर को उसकी शादीतय थी। बिलाल को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी की निशानदेही पर मिला कटा हुआ सिर
गिरफ्तारी के बाद बिलाल की निशानदेही पर पुलिस ने कलेसर जंगल से ही महिला का कटा हुआ सिर बरामद कर लिया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, गला काटने से पहले ही उमा की मौत हो चुकी थी। उसके शरीर पर संघर्ष के निशान नहीं मिले और बलात्कार की भी पुष्टि नहीं हुई।
निकाह से पहले पहुंची पुलिस, आरोपी को मिलेगी सख्त सजा?
यह मामला प्रेम, धोखे और क्रूर हत्या की कहानी बयां करता है। बिलाल ने अपनी नई शुरुआत से पहले ही पुराने रिश्ते को एक वीभत्स तरीके से खत्म कर दिया। पुलिस ने उमा के परिजनों से संपर्क किया है और बिलाल के खिलाफ मजबूत मामला बनाया है। अब कोर्ट में आरोपी को सख्त से सख्त सजा दिलाना पुलिस और न्याय प्रणाली के सामने एक बड़ी चुनौती है।
यमुनानगर पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने एक जटिल व भयावह मामले को सुलझा लिया है। हालांकि, यह घटना समाज में बढ़ रहे ‘लिव-इन’ संबंधों में आने वाले जोखिमों, अंतर-धार्मिक रिश्तों की चुनौतियों और अंतरंग साथी हिंसा की भयावहता को एक बार फिर उजागर करती है। आरोपी की गिरफ्तारी न्याय की दिशा में पहला कदम है, लेकिन पीड़िता के परिवार को मिलने वाला न्याय ही इस मामले का अंतिम पड़ाव होगा।










