उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत एक और बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में मुजफ्फरनगर के SDM जयेंद्र सिंह और राज्य कर विभाग के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
सरकारी जमीन को गलत तरीके से ट्रांसफरेबल घोषित करने का आरोप
मुजफ्फरनगर के उप जिलाधिकारी (SDM) जयेंद्र सिंह पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी जमीन को गलत तरीके से संक्रमणीय घोषित कर दिया और इस प्रक्रिया से कुछ प्रभावशाली लोगों को फायदा पहुंचाया। शिकायतों की जांच के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने तुरंत एक्शन लेते हुए उन्हें निलंबित कर दिया। अब उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।
वाणिज्य कर विभाग में भी गिरी गाज
वहीं, राज्य कर विभाग में भी दो बड़े अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप साबित हुए हैं।
अरुण शंकर रॉय (अपर आयुक्त) : बिल्डरों को गलत तरीके से टैक्स में छूट देकर भारी फायदा पहुंचाने का आरोप।
सतीश कुमार : रिश्वत लेते हुए स्टिंग ऑपरेशन में रंगे हाथ पकड़े गए। इनके खिलाफ गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
जांच पूरी होने तक दोनों को पद से हटा दिया गया है।
गन्ना विभाग पर भी गिरी नजर
अब गन्ना विभाग में भी गंभीर आरोपों की जांच शुरू हो गई है।
रामकिशन (जिला गन्ना अधिकारी) और
संयुक्त गन्ना निदेशक
पर आरोप है कि उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से रिश्वत ली और किसानों की योजनाओं में गड़बड़ी की। मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए गोपनीय जांच के आदेश दिए हैं और दोनों अधिकारियों को जांच पूरी होने तक पद से दूर रखने के निर्देश दिए हैं।
CM योगी का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा है—
“प्रदेश में सुशासन और पारदर्शिता हमारी प्राथमिकता है। जनता के साथ धोखा करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। भ्रष्टाचार करने वालों को सख्त सजा दी जाएगी।”
सीएम ने सभी विभागों को चेतावनी दी है कि अब किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।