हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज एक बार फिर अपनी ही सरकार के अधिकारियों के रवैये से नाराज नजर आ रहे हैं। 9 महीने के लंबे अंतराल के बाद 31 अक्टूबर को सिरसा में होने वाली जिला कष्ट निवारण समिति (Grievance Committee) की बहुप्रतीक्षित बैठक एक बार फिर स्थगित कर दी गई है। इस खबर से उन लोगों को गहरा झटका लगा है, जो अपनी शिकायतों के समाधान की उम्मीद लगाए बैठे थे।
9 महीने से क्यों नहीं हुई थी मीटिंग?
अनिल विज, जिन्हें सिरसा और कैथल जिलों की कष्ट निवारण समितियों का अध्यक्ष बनाया गया है, लगभग 9 महीने से सिरसा की बैठक में नहीं आए हैं।
अधिकारियों से नाराजगी: इसी साल 30 जनवरी को विज ने सार्वजनिक रूप से बयान दिया था कि वे अब ग्रीवांस मीटिंग में नहीं आएंगे, क्योंकि अधिकारी उनके आदेशों की पालना नहीं करते।
कार्रवाई न होना: बताया जाता है कि विज ने पिछली बैठकों में लापरवाही बरतने वाले कई अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे, लेकिन उन पर अमल नहीं हुआ, जिससे वे खफा थे।
अब ‘रन फॉर यूनिटी’ बना कारण
9 महीने बाद जब 31 अक्टूबर को बैठक की तारीख तय हुई और प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दीं, तो लोगों में उम्मीद जगी थी। इस बैठक में 17 शिकायतें सुनी जानी थीं, जिनमें से कई पिछले 8 महीनों से लंबित पड़ी थीं। लेकिन अब सूत्रों के हवाले से खबर है कि 31 अक्टूबर को ही ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम के आयोजन के चलते मंत्री विज का आना स्थगित हो गया है।

हालांकि, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि विज की नाराजगी अभी भी दूर नहीं हुई है और यही बैठक स्थगित होने का असली कारण हो सकता है।
आम जनता परेशान, शिकायतें लंबित
बैठक के बार-बार स्थगित होने से आम जनता परेशान है। लोगों ने मंत्री के आने की सूचना पर बड़ी संख्या में अपनी शिकायतें प्रशासन को सौंपी थीं, लेकिन अब उन्हें एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। पिछली बैठक की भी कई शिकायतें अभी तक लंबित पड़ी हैं। इस स्थिति ने जिला प्रशासन और सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।













