हिसार: जिंदल परिवार के एक प्रमुख स्तंभ और देश के जाने-माने उद्योगपति मदन लाल जिंदल का 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वे हरियाणा के पूर्व मंत्री और जिंदल समूह के संस्थापक स्वर्गीय ओम प्रकाश (ओपी) जिंदल के सबसे छोटे भाई थे। दिल्ली रोड स्थित जिंदल हाउस में उन्होंने अंतिम सांस ली। पिछले कुछ दिनों से वे बीमार चल रहे थे।
जिंदल समूह की स्थापना में निभाई अहम भूमिका
मदन लाल जिंदल उन अग्रदूतों में से एक थे जिन्होंने अपने भाइयों, विशेषकर ओपी जिंदल के साथ मिलकर नलवा से हिसार आकर जिंदल समूह की नींव रखी थी।
शुरुआती संघर्ष: उन्होंने अपने भाइयों के साथ मिलकर जिंदल समूह की शुरुआत की और करीब छह साल तक साथ काम किया।
स्वतंत्र उद्योग: बाद में, उन्होंने अपना अलग स्टील उद्योग स्थापित किया, जिसका कारोबार आज पूरे देश और विदेशों तक फैला हुआ है। उनकी फैक्ट्रियों में बने स्टील पाइप और अन्य उत्पाद देश के हर राज्य में जाते हैं।
कर्मचारी हितैषी: वे अपने कर्मचारियों को परिवार की तरह मानते थे और इस उम्र में भी अक्सर अपनी फैक्ट्री का दौरा करने चले जाते थे।
अंतिम संस्कार में शामिल हुईं कई हस्तियां
उनका अंतिम संस्कार जिंदल परिवार की श्मशान भूमि में किया गया। उनके बड़े बेटे जनक राज जिंदल ने उन्हें मुखाग्नि दी।
उनकी अंतिम यात्रा में भाजपा सांसद नवीन जिंदल, पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल, सज्जन जिंदल, पृथ्वीराज जिंदल और जगदीश जिंदल सहित पूरा जिंदल परिवार शामिल हुआ।
शहर के कई प्रबुद्ध लोगों, व्यापारियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी उन्हें अपनी अंतिम श्रद्धांजलि दी।
मदन लाल जिंदल अपने पीछे तीन बेटों—जनक राज जिंदल, योगराज जिंदल, प्रदीप राज जिंदल—और एक बेटी सहित एक भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनका निधन हिसार और भारतीय उद्योग जगत के लिए एक बड़ी क्षति है।











