हरियाणा में नए जिलों के गठन को लेकर गठित कैबिनेट उप-समिति की एक अहम बैठक मंगलवार को हुई। बैठक में राज्यभर से प्राप्त प्रस्तावों पर गहन मंथन किया गया और 11 संभावित नए जिलों पर विस्तार से चर्चा की गई। समिति द्वारा तैयार की गई अंतिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सौंप दी गई है। अब नए जिलों के गठन का अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा लिया जाएगा।
कमेटी के अध्यक्ष ने दी जानकारी
बैठक के बाद उप-समिति के अध्यक्ष और राज्य के मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने बताया कि इस मुद्दे पर कुल 62 प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, जिनमें से 11 प्रमुख प्रस्तावों पर विचार किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है और अब आगे की कार्रवाई मुख्यमंत्री करेंगे। यह बैठक चंडीगढ़ स्थित यूएलबी मंत्री विपुल गोयल के आवास पर आयोजित की गई थी।
इन 11 क्षेत्रों पर हुई विशेष चर्चा
चर्चा में शामिल 11 संभावित नए जिलों के नाम इस प्रकार हैं:
असंध (करनाल से अलग)
नारायणगढ़ (अंबाला से अलग)
मानेसर (गुरुग्राम से अलग)
पटौदी (गुरुग्राम से अलग)
पिहोवा (कैथल से अलग)
हांसी (हिसार से अलग)
बरवाला (हिसार से अलग)
सफीदों (जींद से अलग)
गोहाना (सोनीपत से अलग)
डबवाली (सिरसा से अलग)
(एक अन्य प्रस्ताव, संभवतः थानेसर या कोई अन्य)
विशेष रूप से, हांसी और डबवाली को पहले से ही पुलिस जिला घोषित किया जा चुका है, इसलिए इन्हें पूर्ण जिले का दर्जा मिलने की संभावना अधिक मानी जा रही है।
31 दिसंबर 2025 है अंतिम तिथि
रजिस्ट्रार जनरल एवं जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने स्पष्ट कर दिया है कि जनगणना शुरू होने से पहले जिला सीमाओं में बदलाव की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 है। यदि इस तारीख तक कोई फैसला नहीं हुआ, तो अगला अवसर जून 2027 के बादही मिलेगा।
जिला गठन के मानक
नए जिले बनाने के लिए तय मानकों के अनुसार, किसी भी प्रस्तावित जिले में:
125 से 200 गांव
कम से कम 4 लाख की आबादी
80,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल
होना आवश्यक है। इन्हीं मानदंडों के आधार पर उपमंडल व तहसील स्तर के प्रस्ताव भी तैयार किए गए हैं।
निष्कर्ष: अब पूरा ध्यान मुख्यमंत्री कार्यालय पर है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का निर्णय हरियाणा के प्रशासनिक मानचित्र को नया आकार देगा और राज्य के विकास प्रशासन में एक नया अध्याय शुरू करेगा।












