करनाल जिले के घीड़ गांव में एक नाबालिग बच्चे ने अपने ही झूठे अपहरण की कहानी रचकर परिवार और पुलिस को हड़कंप में डाल दिया। बच्चा बुधवार दोपहर लापता हो गया और शाम को एक अज्ञात नंबर से उसके पिता को दो लाख रुपये की फिरौती मांगने वाला कॉल आया। हालांकि, कुछ ही घंटों की जांच में पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया और पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि फिरौती का कॉल खुद बच्चे ने ही किया था।
क्या हुआ था पूरा मामला?
लापता हुआ: बच्चा बुधवार दोपहर दो बजे घर से निकला और लौटा नहीं। परिवार ने गांव भर में तलाश शुरू की और मंदिर के लाउडस्पीकर से घोषणा भी करवाई।
फिरौती का कॉल: शाम करीब 6 बजे एक अज्ञात नंबर से कॉल आया, जिसमें दो लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। इससे पूरा परिवार दहशत में आ गया।
पुलिस ने बरामद किया: कुंजपुरा थाना पुलिस ने शिकायत मिलते ही तकनीकी निगरानी की मदद से कॉल ट्रेस किया और करनाल के आसपास से बच्चे को सुरक्षित ढूंढ लिया।
सच सामने आया: पूछताछ में बच्चे ने कबूल किया कि उसने किसी व्यक्ति से फोन मांगकर खुद ही अपने पिता को फिरौती की कॉलकी थी। उसने फोन बंद कर दिया ताकि सबको लगे कि उसका अपहरण हुआ है।
पढ़ाई से भागने की वजह बन सकती है साजिश
बच्चे के ताऊ सोमनाथ ने बताया कि बच्चा लगभग 15 दिनों से स्कूल नहीं जा रहा था, हालांकि वह रोज स्कूल का यूनिफॉर्म पहनकर घर से निकलता था। पता चला कि वह इन दिनों कहीं जाकर क्रिकेट खेलता रहा होगा। पुलिस अब जांच कर रही है कि पढ़ाई से बचने या किसी अन्य कारण से बच्चे ने ऐसी साजिश क्यों रची और क्या इसके पीछे कोई और भी शामिल था।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
थाना प्रभारी विक्रांत ने बताया कि शिकायत मिलते ही तुरंत मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी गई थी। तकनीकी सहायता और गश्त से बच्चे को जल्द बरामद कर लिया गया। अब बच्चे के मानसिक स्थिति और कारणों की गहन पड़ताल की जा रही है।
यह घटना बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक संवाद की अहमियत को रेखांकित करती है। माता-पिता और शिक्षकों के लिए जरूरी है कि वे बच्चों की दिनचर्या और मनोदशा पर सूक्ष्म नजर रखें, ताकि ऐसे हालात पैदा न हों।












