हरियाणा में सुशासन और प्रशासनिक दक्षता को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वाकांक्षी कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सोमवार को सोनीपत स्थित ऋषि हुड यूनिवर्सिटी में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी (CMGGA) कार्यक्रम 2.0 का विधिवत शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ावा देने और सरकारी योजनाओं के लाभ को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है।
27 सुशासन सहयोगी निभाएंगे अहम भूमिका
इस कार्यक्रम के तहत, हरियाणा के सभी 22 जिलों में 27 सुशासन सहयोगी (Good Governance Associates) कार्य करेंगे। ये युवा सहयोगी प्रशासन और आम जनता के बीच एक सेतु का काम करेंगे और सरकारी योजनाओं व सेवाओं के जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उनका चयन एक कड़ी प्रक्रिया के माध्यम से किया गया है।
आईएएस यशपाल यादव बने प्रोजेक्ट डायरेक्टर
कार्यक्रम के सफल संचालन की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री के डीपीएस व आईएएस अधिकारी यशपाल यादव को सौंपी गई है, जिन्हें प्रोजेक्ट डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। वह पूरे प्रदेश में इस कार्यक्रम की निगरानी और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे।
2016 में हुई थी शुरुआत, अब नई ऊर्जा के साथ
सीएमजीजीए कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल में 2016 में हुई थी, जिसने हरियाणा के सुशासन मॉडल में सकारात्मक योगदान दिया था। अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में इस कार्यक्रम को CMGGA 2.0 के रूप में नई ऊर्जा और विस्तारित दायरे के साथ पुनर्जीवित किया गया है।
नागरिक-केंद्रित शासन पर होगा जोर
इस कार्यक्रम का प्रमुख फोकस नागरिक-केंद्रित शासन को बढ़ावा देना है। इसमें सरकारी सेवाओं की समयबद्ध डिलीवरी सुनिश्चित करना, प्रशासन में नवाचार को बढ़ावा देना, जनता की समस्याओं के प्रभावी समाधान खोजना और अधिक पारदर्शिता लाना शामिल है।
तैयारियों की डीसी ने ली समीक्षा
कार्यक्रम से पहले, सोनीपत के उपायुक्त सुशील सारवान ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ऋषि हुड यूनिवर्सिटी का दौरा कर कार्यक्रम स्थल, वीवीआईपी मार्ग, पार्किंग और सुरक्षा व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
CMGGA 2.0 का शुभारंभ हरियाणा सरकार की सुशासन के प्रति गंभीरता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह कार्यक्रम प्रशासनिक तंत्र में युवा ऊर्जा और नवीन सोच को शामिल करते हुए जनकल्याण के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम बन सकता है। अब यह देखना होगा कि ये 27 सुशासन सहयोगी किस प्रकार जमीनी स्तर पर बदलाव लाने में सफल होते हैं।












