हरियाणा: बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद हरियाणा की राजनीति में बदलाव के संकेत नजर आने लगे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि पार्टी के भीतर जल्द ही बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। महेंद्रगढ़ में अपने बेटे और पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह की ‘सद्भावना यात्रा’ के दौरान उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह जल्द ही इस यात्रा में शामिल होंगे।
“सब थाली बजाएंगे” – बीरेंद्र सिंह का बयान
पत्रकारों द्वारा हुड्डा और राव नरेंद्र के यात्रा में शामिल न होने पर सवाल किए जाने पर बीरेंद्र सिंह ने रूपकात्मक अंदाज में कहा, “अभी मेरा चालू हुआ है महीना सवा महीना हुआ है। बालक होते हुए भी नौ-नौ महीने लग जाते हैं और जब हो जाए तब सारे थालियां बजाते हैं। तो ये सब थाली बजाएंगे। आएंगे आपके बीच में भी आएंगे।” यह बयान हरियाणा कांग्रेस में चल रहे गुटबाजी को और उजागर करता है।
कांग्रेस में दो धड़े साफ नजर आ रहे
हरियाणा कांग्रेस साफ तौर पर दो धड़ों में बंटी हुई है:
भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट: जिसमें नेता प्रतिपक्ष हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र शामिल हैं।
कुमारी सैलजा गुट: जिसके साथ चौधरी बीरेंद्र सिंह और उनके बेटे बृजेंद्र सिंह जुड़े हुए हैं।
यही कारण है कि बृजेंद्र सिंह की सद्भावना यात्रा में हुड्डा गुट का कोई भी नेता अब तक शामिल नहीं हुआ है। हिसार के सांसद जयप्रकाश ने तो इस यात्रा को लेकर खुलकर बयानबाजी भी की थी।
6-7 महीने में सब साफ हो जाएगा
इससे पहले नारनौंद में बीरेंद्र सिंह ने कहा था कि यात्रा से दूर रहने वाले कांग्रेसियों को 6-7 महीने में पता लग जाएगा कि “हमारे अंदर दम है या नहीं”। उन्होंने दावा किया था कि इस यात्रा की शुरुआत बृजेंद्र सिंह ने राहुल गांधी से बात करके की है।
दिसंबर में राहुल गांधी के हरियाणा दौरे की उम्मीद
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि दिसंबर महीने में राहुल गांधी हरियाणा के दौरे पर आ सकते हैं। इससे पहले बृजेंद्र सिंह अपनी यात्रा का अनुभव पार्टी हाईकमान के सामने रख सकते हैं, जिसमें बड़े नेताओं के यात्रा में शामिल न होना भी एक प्रमुख मुद्दा होगा। बिहार की हार के बाद हरियाणा कांग्रेस में यह आंतरिक खींचतान राजनीतिक विश्लेषकों के लिए एक अहम विषय बन गया है।














