हरियाणा सरकार द्वारा ट्रैक्टरों की रजिस्ट्रेशन फीस में 10 गुना वृद्धि के फैसले के खिलाफ राज्य के किसान सड़कों पर उतर आए हैं। हरियाणा किसान एकता, डबवाली के किसानों ने मंगलवार को अपना रोष जताते हुए मुख्यमंत्री के नाम एक मांग पत्र सिरसा जिले के डबवाली के एसडीएम कार्यालय के माध्यम से सौंपा। किसानों ने तत्काल इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।
किसानों ने उठाए ये मुख्य मुद्दे
मांग पत्र में किसानों ने न केवल रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ोतरी, बल्कि कृषि से जुड़े कई अन्य ज्वलंत मुद्दों को भी उठाया:
1. ट्रैक्टर रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ोतरी तत्काल वापस ली जाए
किसानों ने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति पहले से ही डांवाडोल है और ट्रैक्टर पर 10 गुना बढ़ी हुई रजिस्ट्रेशन फीस उन पर एक अतिरिक्त वित्तीय बोझ के समान है। उन्होंने इस फैसले को तुरंत रद्द करने की मांग की।
2. एमएसपी पर बाजरा खरीद और भावांतर भरपाई
किसान नेता मिट्ठू कंबोज ने सरकार के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा, “सरकार 24 से अधिक फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदने का दावा करती है, लेकिन बाजरे का एक भी दाना MSP पर नहीं खरीदा गया।” उन्होंने मांग की कि सरकार बाजरे को भावांतर भरपाई योजना में शामिल करते हुए किसानों के नुकसान की भरपाई करे। इसी तरह, जिन किसानों ने अपना नरमा (कपास)7,000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बेचा है, उन्हें भी भावांतर योजना के तहत मुआवजा दिया जाना चाहिए।
3. दिन में 12 घंटे लगातार बिजली की आपूर्ति
किसान गुरपाल सिंह मांगेआना ने बिजली आपूर्ति को लेकर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है और ट्यूबवेल के लिए किसानों को रात के समय बिजली दी जा रही है, जो बेहद असुविधाजनक और खतरनाक है।” उन्होंने सरकार से पंजाब की तर्ज पर हरियाणा के किसानों को दिन के समय लगातार 12 घंटे बिजली उपलब्ध कराने की मांग की, ताकि वे अपनी सरसों और गेहूं की फसलों को समय पर पानी दे सकें। इसके अलावा, उन्होंने नहर का पानी भी महीने में 21 दिन दिए जाने की मांग रखी।
यह विरोध दर्शाता है कि हरियाणा के किसान अब सरकार की ऐसी नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठा रहे हैं जिनसे उनकी आय और खेती की लागत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अब देखना यह है कि सरकार किसानों की इन मांगों पर क्या कार्रवाई करती है।











