हरियाणा सरकार ने हाल ही में कॉमन कैडर के तहत नियुक्त हुए ग्रुप-डी कर्मचारियों के वेतन में हो रही देरी पर कड़ा रुख अपनाया है। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सभी विभागों को तत्काल प्रभाव से इन कर्मचारियों का लंबित वेतन जारी करने के सख्त निर्देश दिए हैं, ताकि उन्हें किसी भी तरह की आर्थिक परेशानी का सामना न करना पड़े।
क्या है पूरा मामला?
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा विज्ञापन संख्या 01/2023 के तहत चयनित ग्रुप-डी कर्मचारियों की नियुक्ति 28 अगस्त, 2025 या उसके बाद विभिन्न विभागों में की गई थी। हालांकि, कई विभागों में कार्यभार संभालने के बावजूद इन नए कर्मचारियों को अब तक उनका वेतन नहीं मिला है।
सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट किया है कि सभी कर्मचारियों को उनकी ज्वाइनिंग की वास्तविक तिथि से ही वेतन का भुगतान किया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि वेतन बिल तैयार करने में किसी भी तरह की देरी स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि इससे सीधे तौर पर कर्मचारियों के हित प्रभावित होते हैं।
विभागों को दिए गए सख्त निर्देश
वेतन भुगतान की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं:
HRMS पोर्टल पर डेटा अपडेट: सभी विभागों को अपने कर्मचारियों का पूरा ब्यौरा तुरंत HRMS पोर्टल पर दर्ज करने को कहा गया है, क्योंकि ई-बिलिंग प्रणाली इसी डेटा के आधार पर वेतन बिल बनाती है।
PRAN की अनिवार्यता: राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत, बिना परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) के केवल दो महीने का वेतन ही जारी किया जा सकता है। इसके बाद वेतन भुगतान के लिए PRAN अनिवार्य होगा।
भुगतान की पुष्टि: सभी आहरण एवं वितरण अधिकारियों (DDOs) को इन आदेशों का सख्ती से पालन करने और वेतन भुगतान की पुष्टि मुख्य सचिव कार्यालय को भेजने का निर्देश दिया गया है।
सरकार के इस कदम से उन हजारों ग्रुप-डी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी, जो नियुक्ति के बाद से ही अपने पहले वेतन का इंतजार कर रहे थे।












