हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले की राजनीति में एक बार फिर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने शुक्रवार को नांगल चौधरी विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया, जो पूर्व मंत्री डॉ. अभय सिंह यादव का मजबूत गढ़ माना जाता है। इस दौरे के दौरान राव इंद्रजीत ने न केवल डॉ. यादव के राजनीतिक विरोधियों से मुलाकात की, बल्कि उनके पैतृक गांव का दौरा भी किया, जिससे राजनीतिक गलियारों में नई चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है।
दौरे के राजनीतिक संकेत
राव इंद्रजीत सिंह का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उनकी बेटी और हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव के दौरे के ठीक एक दिन बाद हुआ। आरती राव पास के ही गांव खातोली अहीर में एक शोक सभा में शामिल होने पहुंची थीं। उनके तुरंत बाद राव इंद्रजीत के पहुंचने को क्षेत्र में शक्ति प्रदर्शन और राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
विरोधियों से मुलाकात और समर्थकों से संवाद
केंद्रीय मंत्री ने अपने दौरे की शुरुआत गांव खातोली अहीर से की, जहां उन्होंने सरपंच विक्रम यादव के पुत्र के निधन पर शोक व्यक्त किया। इसके बाद उनका काफिला गांव भुंगारका पहुंचा, जहां उन्होंने पूर्व मंत्री डॉ. अभय सिंह के मुखर विरोधी माने जाने वाले पूर्व सरपंच राजेंद्र सिंह के आवास पर चाय पी और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इसके बाद वे डॉ. अभय सिंह के पैतृक गांव कांवी भी गए और वहां कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
सरपंच की तारीफ और पुराने विवाद
गांव भुंगारका के निलंबित सरपंच राजेंद्र सिंह, डॉ. अभय सिंह यादव के धुर विरोधी माने जाते हैं। सरपंच का आरोप है कि उन्हें पूर्व मंत्री के इशारे पर एक मामले में फंसाकर निलंबित करवाया गया था। इस पृष्ठभूमि में, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने राजेंद्र सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि उनके निलंबन के बाद भी किसी पंच ने सरपंची नहीं ली, जो पूरे प्रदेश में एक मिसाल है। इस बयान को सीधे तौर पर डॉ. अभय सिंह के खिलाफ एक राजनीतिक संदेश माना जा रहा है।
दौरे के मायने और मेडिकल कॉलेज का श्रेय
जब दैनिक भास्कर ने राव इंद्रजीत सिंह से इस दौरे के राजनीतिक मायनों के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, “राजनीतिक मायने कुछ नहीं हैं, साथियों से मिलने आए हैं। राजनीति तो चार साल बाद करेंगे, जब चुनाव आएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि कोरियावास में बने मेडिकल कॉलेज का श्रेय किसी एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि पूरी भाजपा पार्टी को जाता है, क्योंकि इसके लिए उन्होंने और सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह समेत सभी ने प्रयास किया था।
एक ही पार्टी, अलग-अलग रास्ते
यह सर्वविदित है कि राव इंद्रजीत सिंह और डॉ. अभय सिंह यादव, दोनों भाजपा में होते हुए भी लंबे समय से राजनीतिक मतभेद रखते हैं। दोनों नेताओं के बीच की यह दूरी कई बार सार्वजनिक मंचों और सोशल मीडिया पर भी जाहिर हो चुकी है। वहीं, इस पूरे घटनाक्रम पर जब पूर्व मंत्री डॉ. अभय सिंह यादव से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।













