अंबाला छावनी की धरती से एक और बेटी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का तिरंगा लहराया है। बस स्टैंड के पास चाय की दुकान पर काम करने वाले राजकुमार की बेटी अंजलि ने अंतरराष्ट्रीय जूनियर बास्केटबॉल प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीतकर भारत और अंबाला जिले का मान बढ़ाया है।
अंजलि की इस शानदार उपलब्धि ने साबित कर दिया कि हौसलों की उड़ान के सामने आर्थिक हालात कभी बाधा नहीं बन सकते।
ऊर्जा व परिवहन मंत्री अनिल विज से मिलीं अंजलि
सिल्वर मेडल जीतकर लौटने के बाद अंजलि अपने परिवार सहित हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज से मिलीं।
मंत्री विज ने स्वयं अंजलि को मेडल पहनाकर सम्मानित किया और कहा कि—
“अंजलि जैसे खिलाड़ी हरियाणा का गौरव हैं। आगे और मेहनत करो, देश का नाम और ऊंचा करो।”
अंजलि ने भी विज से मिलकर खुशी जताई और कहा कि उन्हें इस मुलाक़ात से बहुत प्रेरणा मिली है।
इस मौके पर भाजपा नेता प्रवेश शर्मा सहित अन्य स्थानीय लोग भी मौजूद रहे।
चाय की दुकान से अंतरराष्ट्रीय मंच तक
अंजलि के पिता राजकुमार अंबाला छावनी में चाय की दुकान पर काम करते हैं।
घरेलू हालात सामान्य नहीं थे, लेकिन अंजलि की खेलों के प्रति लगन ने कभी उसे रुकने नहीं दिया।
वह रोजाना कठिन परिस्थितियों में भी अभ्यास करती रहीं
कभी कोर्ट की कमी तो कभी संसाधनों की
पर हौसलों ने हमेशा उसे आगे बढ़ने की ताकत दी
अंजलि की मेहनत रंग लाई जब उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ कैंप में उनकी स्किल्स देखकर चयनकर्ताओं ने उन्हें एक महीने की ट्रेनिंग के लिए चुना।
यहीं से अंतरराष्ट्रीय टीम तक उनकी यात्रा शुरू हुई।
थाईलैंड में 9 टीमों के बीच शानदार प्रदर्शन
अंजलि थाईलैंड में आयोजित अंतरराष्ट्रीय जूनियर बास्केटबॉल स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व करने गईं।
इस प्रतियोगिता में कुल 9 टीमें शामिल थीं।
भारत ने लीग राउंड में शानदार खेल दिखाते हुए फाइनल तक का सफर तय किया, जहां मुकाबला उज़्बेकिस्तान से हुआ।
कड़ी टक्कर के बाद उज़्बेकिस्तान ने जीत दर्ज की, और भारतीय टीम को रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
पर अंजलि के प्रदर्शन ने कोचों और अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों का ध्यान खींचा।
“अब लक्ष्य गोल्ड मेडल”
जब अंजलि से पूछा गया कि आगे क्या लक्ष्य है, तो उन्होंने आत्मविश्वास से कहा—
“ये तो सिर्फ शुरुआत है। अभी सिल्वर मिला है। अगली बार गोल्ड जीतकर भारत का नाम रोशन करूंगी।”
अंजलि की यह सोच और दृढ़ता बताती है कि यह बेटी आने वाले समय में भारत की अंतरराष्ट्रीय बास्केटबॉल टीम की बड़ी पहचान बनने वाली है।












