हरियाणा में बुधवार (10 दिसंबर) को हुई वीआईपी वाहन नंबर नीलामी में विवादों में घिरा लकी नंबर HR88B8888 इस बार केवल 26.71 लाख रुपये में बिक गया। यह राशि पिछली नीलामी में इसी नंबर के लिए लगी 1 करोड़ 17 लाख रुपये की विफल बोली से काफी कम है।
पिछला विवाद और नई नीलामी
पिछली नीलामी में हिसार के सुधीर ने इस नंबर के लिए 1.17 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बोली लगाई थी, जिसके बाद उन पर भुगतान न चुका पाने का आरोप लगा।
इस पर कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने बोलीदाता की आर्थिक जांच के आदेश दिए थे और आयकर विभाग से कार्रवाई की बात कही थी।
सुधीर ने बचाव में कहा था कि उनके ज्योतिष ने नंबर लेने को कहा था और बोली बढ़ने पर वे आगे बढ़ते गए।
इस बार सुधीर को नीलामी में शामिल नहीं किया गया और नंबर की दोबारा नीलामी कराई गई, जिसमें 31 बोलीदाताओं ने भाग लिया।
अन्य प्रमुख नंबरों की बिक्री
गुरुग्राम का नंबर HR26FY0001: 22.80 लाख रुपये में बिका (15 बोलीदाता)।
फरीदाबाद का नंबर HR51CU0001: 19.17 लाख रुपये में बिका (14 बोलीदाता)।
नीलामी का समग्र परिणाम
इस सत्र में कुल 768 वीआईपी नंबरों की नीलामी हुई, जिसमें 1,615 प्रतिभागियों ने भाग लिया। सफल बोलीदाताओं को तीन दिन के भीतर पूरी राशि जमा करवानी होगी और संबंधित दस्तावेज एसडीएम कार्यालय में प्रस्तुत करने होंगे। भुगतान के बाद उन्हें नंबर वाहन पर लगाने के लिए लगभग तीन महीने का समय मिलेगा।
यह मामला वीआईपी नंबर नीलामी की प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को रेखांकित करता है। नंबर का इस बार कम कीमत पर बिकना पिछली ‘अवास्तविक’ बोली को उजागर करता है और दर्शाता है कि विभाग ने विफल बोलीदाताओं के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है।











