चंडीगढ़। हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार के सुसाइड केस में नया मोड़ आ गया है। उनकी पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने बुधवार देर शाम चंडीगढ़ सेक्टर-11 थाने में चार पेज की शिकायत दर्ज कराई है।
इस शिकायत में उन्होंने हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी बिजेंद्र (नरेंद्र) बिजारणियां के खिलाफ FIR दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।
आईएएस अमनीत ने अपनी शिकायत में दोनों अधिकारियों पर आत्महत्या के लिए उकसाने, सार्वजनिक रूप से अपमानित करने, झूठे केस में फंसानेऔर जातिगत भेदभाव करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
IAS अमनीत की शिकायत में 7 बड़े आरोप — पढ़िए मुख्य बिंदु
सुसाइड के लिए मजबूर करने का आरोप — अमनीत ने लिखा कि डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी बिजारणियां ने उनके पति को आत्महत्या के लिए उकसाया।
जातिगत भेदभाव — उन्होंने कहा कि उनके पति को वर्षों तक जाति के आधार पर अपमानित किया गया।
साजिश रचकर झूठा केस दर्ज कराया गया — 6 अक्टूबर को डीजीपी के निर्देश पर रोहतक अर्बन एस्टेट थाने में एक झूठी FIR दर्ज कराई गई।
सार्वजनिक अपमान और उत्पीड़न — उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लगातार प्रताड़ित और बेइज्जत किया जाता रहा।
फोन कॉल का जवाब न देना — सुसाइड से पहले वाई पूरण कुमार ने एसपी रोहतक को फोन किया था, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।
सुबूत मिटाने की आशंका — अमनीत ने चेतावनी दी कि अगर आरोपियों को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया, तो वे सबूत नष्ट कर सकते हैं।
डीजीपी से बातचीत का दबाया जाना — सुसाइड से पहले की गई बातचीत को डीजीपी ने दबा दिया।


“मेरे पति बेदाग और ईमानदार अधिकारी थे” — IAS अमनीत पी. कुमार
शिकायत में अमनीत ने लिखा —
“मैं एक आईएएस अधिकारी होने के साथ एक शोक-संतप्त पत्नी हूं। मेरे पति एक बेदाग छवि और असाधारण सार्वजनिक भावना वाले अधिकारी थे। उन्हें सुनियोजित तरीके से प्रताड़ित किया गया। उनका दर्द छिपा नहीं था — उन्होंने अपनी कई शिकायतों और सुसाइड नोट में इसका जिक्र किया है।”
उन्होंने आगे कहा कि वह घटना के समय जापान की आधिकारिक यात्रा पर थीं और घटना की सूचना मिलते ही भारत लौट आईं।
चंडीगढ़ पुलिस से तत्काल कार्रवाई की मांग
अमनीत ने चंडीगढ़ पुलिस को दिए आवेदन में कहा है कि अगर डीजीपी और एसपी को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया, तो वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं।
उन्होंने FIR दर्ज करने की मांग भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 108 (पूर्व धारा 306 – आत्महत्या के लिए उकसाना) और SC/ST एक्ट के तहत की है।












