Japan Earthquake Today: प्रशांत महासागर के “रिंग ऑफ फायर” पर बसा जापान एक बार फिर प्रकृति के कहर से कांप उठा है। शुक्रवार सुबह (भारतीय समयानुसार सुबह 8:14 बजे) देश के उत्तरी तटीय इलाकों में 6.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप दर्ज किया गया। इसकी केंद्र गहराई महज 10.7 किलोमीटर थी, जिसके चलते इसका प्रभाव और खतरा काफी बढ़ गया। झटके इतने तीव्र थे कि तट के निकटवर्ती क्षेत्रों से लेकर दूरस्थ शहरों तक इमारतें हिल गईं और लोग सहमकर घरों से बाहर भाग आए।
सुनामी की चेतावनी, तटीय इलाके अलर्ट पर
भूकंप के तुरंत बाद जापान मौसम एजेंसी (JMA) ने कई तटीय प्रीफेक्चर के लिए सुनामी चेतावनी जारी कर दी। एजेंसी ने होक्काइडो के सेंट्रल पैसिफिक कोस्ट, आओमोरी, इवाते और मियागी प्रीफेक्चर के लिए एक मीटर तक ऊंची लहरों की आशंका जताई है। इन इलाकों में निवासियों को तुरंत उच्च भूमि की ओर चले जाने के निर्देश दिए गए हैं। कई तटीय सड़कों और रेल सेवाओं को सावधानीवश रोक दिया गया है। हालांकि, अभी तक सुनामी से हुए किसी बड़े नुकसान या जान-माल के हनन की सूचना नहीं है।
लगातार तीसरे दिन धरती कांपी, ‘मेगाक्वेक’ की आशंका
यह इस सप्ताह जापान में आया लगातार चौथा बड़ा भूकंप है, जो चिंता का सबब बना हुआ है। इसी सप्ताह सोमवार को 7.6 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने देश को हिला दिया था, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हुए और भारी संपत्ति का नुकसान हुआ। मंगलवार और बुधवार को भी क्रमशः 6.7 और 6.5 तीव्रता के झटके महसूस किए गए।
इस असामान्य और लगातार की सीरीज को देखते हुए जापान मौसम एजेंसी ने एक दुर्लभ लेकिन गंभीर चेतावनी जारी की है। एजेंसी ने एक ‘मेगाक्वेक एडवाइजरी’ जारी करते हुए कहा है कि अगले एक सप्ताह के भीतर 8.0 या उससे अधिक तीव्रता के भीषण भूकंप की संभावना बढ़ गई है। यह आशंका इसलिए और भयावह है क्योंकि 2011 में आए विनाशकारी 9.0 तीव्रता के भूकंप और सुनामी से पहले भी ऐसा ही सिस्मिक पैटर्न देखा गया था। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि होक्काइडो-सानरिकु तट के निकट टेक्टॉनिक प्लेट्स में जबरदस्त दबाव बना हुआ है।
तत्काल प्रभाव और प्रशासन की कार्रवाई
आज के भूकंप के बाद जापानी प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट पर हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम किया जा रहा है। कई कार्यालयों और दुकानों में स्वचालित अलार्म बज गए। लोगों ने सोशल मीडिया पर भूकंप के दौरान की तस्वीरें और वीडियो साझा किए, जिनमें फर्नीचर हिलते और लोग बाहर भागते दिखाई दिए।
जापान की मजबूत इमारत कोड और सतर्क early warning सिस्टम ने एक बार फिर बड़ी तबाही को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, लगातार आ रहे ये झटके देशवासियों के लिए मानसिक तनाव और अनिश्चितता का कारण बने हुए हैं।
जापान एक बार फिर प्रकृति की भयानक शक्ति के सामने खड़ा है। हालांकि अब तक बड़ी जान-माल की क्षति नहीं हुई है, लेकिन लगातार आ रहे ये भूकंप और जारी ‘मेगाक्वेक’ चेतावनी एक बड़े खतरे की आहट दे रहे हैं। पूरी दुनिया की निगाहें इस सिस्मिक रिंग पर टिकी हैं, क्योंकि जापान में आने वाला कोई भी बड़ा भूकंप पूरे प्रशांत क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बन सकता है। अगले कुछ दिन यहां के निवासियों और अधिकारियों के लिए अत्यधिक सतर्कता और तैयारी के रहेंगे।











