हरियाणा के हिसार से कांग्रेस सांसद जयप्रकाश उर्फ जेपी एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने भारत सरकार के ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विवादित टिप्पणी करते हुए उसे असफल करार दिया। रविवार को हिसार स्थित रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह फेल रहा। हमारी इंटेलिजेंस और विदेश नीति पूरी दुनिया के सामने विफल रही है।”
जेपी ने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी नहीं मिला। उन्होंने कहा, “हमें यह सोचने की ज़रूरत है कि जब हमारी सेना ऑपरेशन में लगी थी, तो दुनिया हमारे साथ क्यों नहीं थी। यहां तक कि ऑर्डर भी हमें अमेरिका से आया।” उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध की तुलना करते हुए कहा कि उस समय भारत ने मात्र 12 दिन में पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे और तब किसी की हिम्मत नहीं थी भारत से टकराने की।
पुराने बयानों से भी रह चुके हैं विवादों में
यह पहला मौका नहीं है जब जयप्रकाश अपने बयानों को लेकर विवादों में घिरे हों। इससे पहले भी वह दो बार कांग्रेस की ही महिला नेताओं को लेकर विवादास्पद बयान दे चुके हैं:
1. कैथल में महिला कांग्रेस नेत्री पर टिप्पणी
विधानसभा चुनाव के दौरान एक रैली में उन्होंने अपनी ही पार्टी की नेता पर टिप्पणी करते हुए कहा था, “अगर लिपस्टिक और पाउडर लगाकर नेता बनते हैं तो मैं भी लगा लूं, फिर दाढ़ी क्यों रखूं?” यह बयान उस समय राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला की करीबी मानी जाने वाली श्वेता ढुल और अनीता ढुल के खिलाफ माना गया।
2. किरण चौधरी पर वंशवाद को लेकर बयान
जेपी ने एक अन्य कार्यक्रम में कहा था, “किरण चौधरी बंसीलाल की राजनीतिक विरासत की हकदार नहीं हैं, क्योंकि विरासत पुरुषों से चलती है, महिलाओं से नहीं।” इस पर पलटवार करते हुए किरण चौधरी ने जेपी की सोच को “घटिया और महिला विरोधी” बताया था।
कौन हैं जयप्रकाश उर्फ जेपी?
जयप्रकाश हरियाणा के कद्दावर नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ चेहरों में गिने जाते हैं। वे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं। उनका राजनीतिक सफर ताऊ देवीलाल की ग्रीन ब्रिगेड से शुरू हुआ था, जहां वे कमांडर रहे। देवीलाल ने 1989 में उन्हें हिसार से चुनाव लड़वाया और केंद्र में मंत्री भी बनवाया।
जेपी अब तक तीन बार हिसार से सांसद रह चुके हैं:
पहली बार 1989 में लोकदल से सांसद और केंद्र में पेट्रोलियम राज्य मंत्री बने
1996 में हरियाणा विकास पार्टी से जीते
2004 में कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने
इसके अलावा वे बरवाला और कलायत से विधायक भी रह चुके हैं। चौटाला परिवार से नज़दीकी के बाद उन्होंने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस में वापसी की थी।