जनता जनार्दन पार्टी (जेजेपी) के युवा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय चौटाला ने गुरुवार को सीधे हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। चौटाला हाउस, बरनाला रोड पर आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने हाल ही में खुद और पार्टी के अन्दर के लोगों की सुरक्षा वापस लिए जाने को “तुगलकी फरमान” और “जेजेपी को टारगेट करने की साजिश” बताया।
डीजीपी ओपी सिंह को लेकर कड़े बयान:
“डीजीपी बीजेपी का एडवोकेट थोड़ी है?” – दिग्विजय ने कहा कि ओपी सिंह प्रदेश के नौकर हैं, लेकिन “तानाशाह बनकर बैठे हैं”और “पहले नौकर होते थे, अब बॉस बन गए हैं।”
“गिदड़ धमकियों से नहीं डरेंगे” – उन्होंने कहा कि सुरक्षा वापसी “हमें डराने का प्रयास है,” लेकिन वे ऐसी धमकियों से नहीं डरेंगे और “ओपी सिंह तो चंद दिनों का मेहमान है।”
“विनाशकाले विपरीत बुद्धि” – दिग्विजय ने आगे कहा, “नायब सैनी को समझ जाना चाहिए कि ये आदमी (ओपी सिंह) विनाश काल पर चल चुका है। उन्होंने तो फैसला कर लिया है कि प्रदेश का बेड़ा गर्क करके छोड़ूंगा।”
थार-बुलेट विवाद और सुरक्षा वापसी का मामला:
यह विवाद तब शुरू हुआ जब डीजीपी ओपी सिंह ने एक बयान में थार और बुलेट बाइक चलाने वालों के बारे में टिप्पणी की थी। इसके जवाब में दुष्यंत चौटाला ने जींद रैली में थार से एंट्री ली और डीजीपी के बयान की निंदा की। इस रैली के तीन दिन बाद (10 दिसंबर को), पुलिस ने दिग्विजय चौटाला, दुष्यंत चौटाला के जीजा देवेंद्र कादियान, ससुर पूर्व ADGP परमजीत सिंह अहलावत और रैली में ‘जेजेपी आएगी’ गाना गाने वाले सिंगर राहुल फाजिलपुरिया की सुरक्षा वापस ले ली।
दिग्विजय ने थार-बुलेट पर टिप्पणी करते हुए कहा, “जिस किसी के पास थार-बुलेट है, उनको गुंडे बता देना… फिर उनकी कंपनियां महिंद्रा और रॉयल एनफील्ड बंद हो जानी चाहिए।”
किसान मुद्दे और पुलिस प्रशासन पर हमला:
किसान मुआवजा: दिग्विजय ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मात्र 50 हजार किसानों को मुआवजा देकर सुर्खियां बटोरी हैं, जबकि साढ़े 4 लाख किसान अभी भी मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मुआवजा नहीं मिला तो जेजेपी किसानों की लड़ाई सड़कों पर लड़ेगी।
पुलिस प्रशासन: उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अफसरशाही और पुलिस पर कंट्रोल खो चुके हैं। उन्होंने कहा, “पुलिस महकमे में बैठे लोग बदमाशों के आगे पूर्णत: सरेंडर कर चुके हैं। ये पुलिस का फेलियर है, जिसका जिम्मेदार सीएम और डीजीपी है।”
निष्कर्ष: दिग्विजय चौटाला के यह बयान हरियाणा की राजनीति में सरकार और विपक्ष के बीच तनाव को और बढ़ाते हैं। सुरक्षा वापसी के फैसले को विपक्ष राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहा है, जबकि सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।













