गेहूं के बाद खाली न छोड़ें खेत, सिर्फ 15 हजार खर्च में पाएं 60 हजार की कमाई – जानिए कैसे

गेहूं की कटाई के बाद अक्सर किसान अगली फसल यानी धान की बुआई का इंतजार करते हैं। लेकिन कृषि विशेषज्ञों की मानें तो इस खाली अवधि में एक खास फसल ...

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वैशाली वर्मा

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हरियाणा गेहूं के खेत में

गेहूं की कटाई के बाद अक्सर किसान अगली फसल यानी धान की बुआई का इंतजार करते हैं। लेकिन कृषि विशेषज्ञों की मानें तो इस खाली अवधि में एक खास फसल लगाकर किसान प्रति एकड़ 60 हजार रुपये तक कमा सकते हैं, वो भी सिर्फ 12 से 15 हजार रुपये की लागत में। यह फसल कोई और नहीं, बल्कि मूंग है।


मूंग की खेती – दो महीनों की कमाई में बंपर मुनाफा

डॉ. चेलीपुरी रामुलु, जो कि माधोपुर कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यरत हैं, बताते हैं कि गेहूं की कटाई के तुरंत बाद खेतों में मूंग की बुआई की जा सकती है। किसान या तो पारंपरिक विधि या मल्टीक्रॉप मशीन की मदद से इसकी बुआई कर सकते हैं।

  • प्रति एकड़ बीज की आवश्यकता: 8-10 किलो

  • बीज उपचार: 2 मिली मैन्कोजेब को 10 लीटर पानी में मिलाकर

  • लागत: जीरो टिलेज विधि में 12-15 हजार रुपये, पारंपरिक में 20 हजार रुपये तक


मूंग की पैदावार और बिक्री

विशेषज्ञों के मुताबिक, शिखा और विराट किस्म की मूंग चुनने पर बेहतर उत्पादन होता है। एक एकड़ से औसतन 600 किलो मूंग की उपज ली जा सकती है।

  • बाजार भाव: ₹100 प्रति किलो (कम से कम)

  • संभावित आय: 60,000 रुपये प्रति एकड़


मिट्टी के लिए भी फायदेमंद

मूंग की कटाई के बाद इसका अवशेष खेत में छोड़ देने से फास्फोरस और नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है। इससे धान की फसल की उपज बेहतर होती है और उर्वरक की बचत भी होती है।


गेहूं और धान के बीच की अवधि को खाली छोड़ने से बेहतर है कि किसान इस छोटे समय की फसल को अपनाएं। मूंग न केवल आर्थिक लाभ देती है, बल्कि अगली फसल के लिए मिट्टी की उर्वरता को भी बेहतर करती है। यह विकल्प खासकर उन किसानों के लिए वरदान है जो कम लागत में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं।

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