हरियाणा की राजनीति में एक बार फिर चौटाला परिवार के समीकरणों ने चर्चा तेज कर दी है। जननायक जनता पार्टी (JJP) अपने स्थापना दिवस के मौके पर 7 दिसंबर को जुलाना में आयोजित होने वाली रैली में एक बड़ा राजनीतिक धमाका कर सकती है। पार्टी प्रदेश के कई बड़े नेताओं को शामिल करने की तैयारी में है, जिसमें पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला का नाम प्रमुखता से शामिल है।
राजनीतिक घटनाक्रम का कालक्रम
इस संभावित राजनीतिक बदलाव को समझने के लिए महत्वपूर्ण घटनाओं का क्रम निम्नलिखित है:
| तारीख | घटना | परिणाम |
|---|---|---|
| अक्टूबर 2018 | इनेलो की गोहाना रैली | दुष्यंत-दिग्विजय को पार्टी से निष्कासन |
| दिसंबर 2018 | जजपा का गठन | चौटाला परिवार में विभाजन |
| 2019 | विधानसभा चुनाव | जजपा ने 10 सीट जीती, दुष्यंत बने डिप्टी सीएम |
| 2024 | लोकसभा चुनाव | जजपा के सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त |
| अक्टूबर 2024 | विधानसभा चुनाव | रणजीत चौटाला ने जजपा से मदद ली |
| 7 दिसंबर 2024 | जजपा स्थापना दिवस | रणजीत के शामिल होने की संभावना |
वर्तमान राजनीतिक स्थिति
जजपा के यूथ प्रेसिडेंट दिग्विजय चौटाला ने पुष्टि की है कि स्थापना दिवस पर जुलाना में बड़ा कार्यक्रम होगा और इसमें कई बड़े नेता पार्टी में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि रणजीत चौटाला को भी निमंत्रण दिया जाएगा और इस बारे में पार्टी के पदाधिकारी फैसला लेंगे।
हालांकि, दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि उनकी रणजीत चौटाला से अंतिम मुलाकात दिवाली पर हुई थी और उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। वहीं, रणजीत चौटाला ने जजपा जॉइन करने की बात से इनकार करते हुए स्पष्ट किया कि अभी कहीं जाने का इरादा नहीं है और वह फरवरी या मार्च में हिसार में एक बड़ी रैली करेंगे।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
चौटाला परिवार में राजनीतिक विभाजन 2018 में तब हुआ था जब इनेलो की गोहाना रैली में दुष्यंत चौटाला को अगला मुख्यमंत्री बनाने के नारे लगे। इस पर ओमप्रकाश चौटाला ने अनुशासनहीनता के आरोप में अजय चौटाला और उनके बेटों दुष्यंत व दिग्विजय को पार्टी से निकाल दिया था। इसके बाद जजपा का गठन हुआ और 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 10 सीटें जीतकर सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई।
हालिया राजनीतिक समीकरण
अक्टूबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में रणजीत चौटाला ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और इस दौरान उन्होंने जजपा की मदद ली थी। रणजीत चौटाला ने डबवाली से जजपा के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह चौटाला से मदद मांगी थी और बदले में जजपा ने रानिया से अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था। इससे दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक सहयोग की नींव पहले ही पड़ चुकी है।














