हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा के साथ हुई तीखी बहस को लेकर सफीदों से भाजपा विधायक रामकुमार गौतम का दर्द एक बार फिर छलका है। एक यूट्यूब चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा—
“मैं चुप हूं, लेकिन समझौता नहीं हुआ। ये मामला अब भी मेरे दिल में है। जब तक जिंदा हूं, ये दर्द मेरे साथ रहेगा।”
गौतम ने कहा कि जो कुछ भी विधानसभा में हुआ, उसे वहीं निपटाना चाहिए था, लेकिन मामला अब तक अधूरा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “जैसे भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ था, वैसे ही हमारे बीच भी बस सीजफायर है, समझौता नहीं।”
क्या हुआ था विधानसभा में? जानिए 6 बिंदुओं में पूरी कहानी:
1. गोहाना की जलेबी से शुरू हुआ विवाद:
मंत्री अरविंद शर्मा ने सदन में गोहाना की मशहूर जलेबी का ज़िक्र करते हुए मज़ाकिया अंदाज में बात कही थी। स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने भी उसमें चुटकी ली।
2. विधायक गौतम ने उठाया शुद्धता का मुद्दा:
रामकुमार गौतम ने जलेबी की शुद्धता पर सवाल उठाए और कहा कि अब वो डालडा में बन रही है। इसपर मंत्री ने पुराने विवाद को कुरेदते हुए कहा, “ये तो 10 किलो गोबर पी गए थे”।
3. गौतम का तीखा पलटवार:
गौतम ने सदन में सीधे आरोप लगाए कि मंत्री ने लोगों से और उनके रिश्तेदारों से भी पैसे लिए, पंप दिलवाने व डेयरी फॉर्म के नाम पर।
4. मंत्री ने कहा- आरोप साबित करें तो राजनीति छोड़ दूंगा:
शर्मा ने पलटकर कहा, “अगर एक भी आरोप साबित कर दें तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।” मामला गरमा गया और स्पीकर ने हस्तक्षेप करते हुए उसे रिकॉर्ड से हटवा दिया।
5. कांग्रेस विधायक कूदे बीच में:
कांग्रेस विधायक रघुवीर कादियान ने सदन की गरिमा बनाए रखने की बात कही और मंत्री-विधायक की बहस पर आपत्ति जताई।
6. मामला शांत कराने पड़े स्पीकर:
स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने गौतम को शांत रहने को कहा और मामला सत्र की कार्यवाही से हटाने के निर्देश दिए।
रामकुमार गौतम की दो तीखी टिप्पणियां:
1. “बयानबाज़ी से ग्राफ नहीं बढ़ता”
गौतम बोले, “जो कुछ मंत्री ने कहा, उससे सभी समझदारों को दुख हुआ। लेकिन इससे उनका राजनीतिक ग्राफ नहीं बढ़ा।”
2. “विधानसभा में सुलझाना था मामला”
उन्होंने कहा कि “जो हुआ वो विधानसभा में सुलझाना था, बाहर नहीं। लेकिन भाजपा नेताओं ने जो कवर किया, उसे समझौता मानना गलत है।”
पहरावर ज़मीन पर बोले- श्रेय नवीन जयहिंद को
गौतम ने कहा, “पहरावर की जमीन का श्रेय केवल नवीन जयहिंद, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और समाज को जाता है। यदि जयहिंद लड़ाई न लड़ते तो ये संभव न था।” उन्होंने कहा, “कौम का नेता बनने के लिए ईमानदारी और निष्कलंक छवि जरूरी है।”
हुड्डा और दुष्यंत पर टिप्पणी:
1. भूपेंद्र हुड्डा को ओवर कॉन्फिडेंस ले डूबा:
गौतम बोले, “हुड्डा अच्छे इंसान हैं, लेकिन इस बार ओवर कॉन्फिडेंस में आकर गलती कर बैठे। वे देवीलाल से बड़ा नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं गलती हो गई।”
2. दुष्यंत को फोटो लगाने का पूरा हक:
गौतम ने कहा, “दुष्यंत को ओपी चौटाला की फोटो पोस्टर में लगाने का हक है, क्योंकि वे उनके दादा हैं। राजनीति में ये राज की लड़ाई है, जैसे कौरव-पांडव की थी।”