भिवानी जिले के सिवानी उपमंडल को हिसार में शामिल करने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ चुकी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हिसार के नलवा में आयोजित एक धन्यवाद रैली में सिवानी को हिसार जिले में शामिल करने की घोषणा की है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब ऐसी घोषणा हुई है। इससे पहले 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी यही वादा किया था, जो आज तक पूरा नहीं हो पाया है।
सीएम सैनी ने घोषणा में क्या कहा?
हिसार के नलवा हल्के में आयोजित धन्यवाद रैली में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, “मैं इसकी (सिवानी को हिसार में शामिल करने की) भी घोषणा करता हूं। इसकी फिजिबिलिटी चेक करवाई जाएगी। अगर यह नॉर्म्स पूरे करेगा तो इसको हिसार जिले में शामिल करने का काम करेंगे।”
क्यों हिसार में शामिल होना चाहता है सिवानी?
स्थानीय लोगों का तर्क है कि सिवानी का हिसार से जुड़ना प्रशासनिक और व्यावहारिक रूप से अधिक सुविधाजनक है।
दूरी: सिवानी से हिसार की दूरी मात्र 30 किलोमीटर है, जबकि भिवानी जिला मुख्यालय लगभग 60 किलोमीटर दूर है।
निर्भरता: शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार जैसे अधिकतर कामों के लिए लोग पहले से ही हिसार पर निर्भर हैं।
दूरी दोगुनी होने के कारण लोगों को अपने प्रशासनिक कार्यों के लिए भिवानी जाने में काफी असुविधा होती है, इसीलिए वे हिसार से जुड़ना चाहते हैं।
लोगों की प्रतिक्रिया: “घोषणा नहीं, नोटिफिकेशन चाहिए”
मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर स्थानीय लोगों और संघर्ष समिति ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। वे इसे तब तक एक और “लॉलीपॉप” मान रहे हैं, जब तक कि इसका आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी नहीं हो जाता।
जिला परिवर्तन संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुरेश कुमार ने कहा, “9 जुलाई 2017 को खट्टर साहब ने लॉलीपॉप दिया था, अब सीएम सैनी ने दिया है। जब तक नोटिफिकेशन जारी नहीं होता, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।”
उप प्रधान बिलु गोदारा ने भी कहा कि 8 साल से केवल घोषणाएं हो रही हैं, लेकिन अमल नहीं हुआ। सरकार को तुरंत नोटिफिकेशन जारी करना चाहिए।
स्थानीय निवासियों ने घोषणा का स्वागत तो किया, लेकिन इसे जल्द से जल्द लागू करने की मांग की ताकि लोगों को इसका वास्तविक लाभ मिल सके।
सिवानी का बार-बार बदलता जिला
सिवानी का जिला कई बार बदला जा चुका है, जो इसकी भौगोलिक और प्रशासनिक स्थिति की जटिलता को दर्शाता है:
1966-1978: हिसार का हिस्सा।
1979-1990: भिवानी का हिस्सा।
1991: दोबारा हिसार में शामिल।
1996 से अब तक: फिर से भिवानी का हिस्सा।
अब देखना यह होगा कि क्या मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की यह घोषणा महज एक चुनावी वादा बनकर रह जाती है या इस बार सिवानी के लोगों का दशकों पुराना इंतजार खत्म होगा।












