Haryana E Buses: हरियाणा सरकार राज्य में वायु प्रदूषण को कम करने और स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना लागू करने जा रही है। यह योजना “एआई फॉर रेजिलिएंट जॉब्स, अर्बन एयर क्वालिटी एंड नेक्स्ट जेनरेशन स्किल” के तहत चलाई जाएगी। इसके लिए विश्व बैंक ने 3,500 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। यह परियोजना 2026 से शुरू होकर अगले पांच वर्षों तक जारी रहेगी।
ई-बसें और चार्जिंग स्टेशन की स्थापना
योजना के तहत एनसीआर क्षेत्र में कुल 200 ई-चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। इन्हें निजी एजेंसियों की मदद से विकसित किया जाएगा ताकि स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा मिल सके। सबसे पहले गुरुग्राम में 200, सोनीपत में 100 और फरीदाबाद में 200 नई ई-बसें सड़क पर उतारी जाएंगी। इससे न केवल प्रदूषण कम होगा बल्कि लोगों को सफर में भी सुविधा मिलेगी।
ई-ऑटो और पुराने वाहनों का प्रबंधन
इस योजना में 10,000 ई-ऑटो खरीदने वालों को 15,000 से 35,000 रुपये तक प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले पुराने 17 लाख वाहनों को धीरे-धीरे हटाया जाएगा। उनकी पहचान और जांच के लिए ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (ATS) भी स्थापित किए जाएंगे, जिन पर लगभग 210 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
उद्योग और कृषि क्षेत्र में भी होंगे सुधार
प्रदूषण नियंत्रण के लिए उद्योगों में 300 इकाइयों पर CEMS डिवाइस लगाए जाएंगे, जिससे प्रदूषण का रियल टाइम डेटा मिलेगा। साथ ही भारी प्रदूषण वाले बॉयलरों को स्वच्छ ईंधन विकल्पों में बदला जाएगा। कृषि क्षेत्र में पराली जलाने से बचाव के लिए बायोमास और ब्रिकेटिंग प्लांट्स का निर्माण किया जाएगा। IOCL के 2G इथेनॉल प्लांट से भी कृषि अवशेषों का उपयोग किया जाएगा।
जिले स्तर पर निगरानी
जिले स्तर पर पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी नजर रखी जाएगी और कृषि विभाग फसल अवशेष प्रबंधन पर विशेष ध्यान देगा। इससे न सिर्फ वायु प्रदूषण में कमी आएगी बल्कि किसानों को भी लाभ मिलेगा। हरियाणा की यह योजना प्रदेश की वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ई-बसें, स्वच्छ ईंधन और पराली प्रबंधन के जरिए प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा और लोगों की जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा।










