भिवानी: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बायसरन घाटी में हुए आतंकी हमले को लेकर हरियाणा से भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ाका बयान विवादों में घिर गया है। जांगड़ा ने दावा किया कि अगर मारे गए लोग वीरता दिखाते, तो इतनी जानें नहीं जातीं। उन्होंने कहा – “अपना सुहाग खोने वाली महिलाओं में वीरांगना का भाव और जोश नहीं था, इसलिए 26 लोग गोली का शिकार बने।“
यह बयान उन्होंने भिवानी के पंचायत भवन में आयोजित ‘अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी स्मृति अभियान जिला संगोष्ठी’ कार्यक्रम के दौरान दिया। उन्होंने आगे कहा कि “पर्यटक हाथ जोड़कर मारे गए, अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना के तहत ट्रेनिंग ली होती, तो 3 आतंकवादी 26 लोगों को नहीं मार पाते।“
सांसद का तर्क – लाठी-डंडे से कर सकते थे मुकाबला
जांगड़ा ने दावा किया कि अगर यात्रियों के पास लाठी-डंडा भी होता और वे आतंकवादियों पर टूट पड़ते, तो सिर्फ 5-6 जानें जातीं और तीनों आतंकी मारे जाते। उन्होंने केंद्र की ‘अग्निवीर योजना’ का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार युवाओं को वीरता और आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देना चाहती है, और यह ज़रूरत आज की घटनाओं से साफ हो रही है।
पहलगाम हमले में 26 की मौत, सेना ने किया जवाबी एक्शन
22 अप्रैल को हुए इस भीषण आतंकी हमले में 26 टूरिस्ट मारे गए थे। जवाब में भारतीय सेना ने 7 मई को पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया।
विवाद और भी बढ़ा – अन्य नेताओं के भी विवादित बयान
इस मुद्दे पर अन्य नेताओं के बयान भी सामने आए हैं:
मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह ने कहा – “जिन्होंने बहनों का सिंदूर उजाड़ा, उन्हीं की बहन को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी कराई।“
यह बयान भी सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना का विषय बना हुआ है।
विपक्ष और जनता का सवाल
इन बयानों को लेकर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे शहीदों व पीड़ितों का अपमान बताया है। सोशल मीडिया पर भी जांगड़ा और विजय शाह के बयानों को लेकर भारी नाराजगी देखी जा रही है।