हरियाणा: नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (NCRTC) ने ₹15,000 करोड़ की लागत से एक नया रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS)कॉरिडोर प्रस्तावित किया है, जो गुरुग्राम से ग्रेटर नोएडा तक जाएगा। यह लाइन फरीदाबाद और नोएडा से होकर गुजरेगी और एनसीआर के प्रमुख शहरों को हाई-स्पीड ट्रांजिट से जोड़ेगी।
हरियाणा सरकार से मांगी गई मंजूरी
NCRTC ने हरियाणा सरकार को औपचारिक पत्र भेजकर रूट अलाइनमेंट की मंजूरी और डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने की अनुमति मांगी है। चूंकि प्रस्तावित रूट का बड़ा हिस्सा हरियाणा से होकर गुजरेगा, इसलिए राज्य सरकार की मंजूरी जरूरी है।
प्रस्तावित रूट और स्टेशन
प्रस्तावित RRTS कॉरिडोर की लंबाई लगभग 60 किलोमीटर होगी और इसमें कुल 6 स्टेशन होंगे:
गुरुग्राम:
IFFCO चौक के पास (सेक्टर 29)
गोल्फ कोर्स रोड के साथ आगे बढ़ेगा
फरीदाबाद:
बाटा चौक
सेक्टर 85-86 चौक
नोएडा:
सेक्टर 142-168 इंटरसेक्शन
ग्रेटर नोएडा:
सूरजपुर (यहां से गाजियाबाद–जेवर एयरपोर्ट नामो भारत कॉरिडोर से जुड़ेगा)
निगरानी समिति के गठन का सुझाव
NCRTC ने सुझाव दिया है कि हरियाणा सरकार एक निगरानी समिति का गठन करे, जिसमें संबंधित राज्य, जिला और स्थानीय विभागों के अधिकारी शामिल हों। इसका उद्देश्य परियोजना की योजना और क्रियान्वयन के दौरान तेज़ और प्रभावी निर्णय सुनिश्चित करना है।
अन्य कॉरिडोर से होगा स्वतंत्र संचालन
यह नया कॉरिडोर, पहले से मौजूद या निर्माणाधीन RRTS लाइनों जैसे दिल्ली-गुरुग्राम या दिल्ली–एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़) प्रोजेक्ट से पूरी तरह स्वतंत्र होगा। इससे नेटवर्क पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ेगा और यात्री निर्बाध यात्रा कर सकेंगे।
भीड़भाड़ वाले इलाकों से होकर गुजरेगा ट्रैक
यह रूट एनसीआर के घनी आबादी और उच्च ट्रैफिक वाले क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। इससे ना केवल ट्रैफिक में राहत मिलेगी बल्कि यात्रा का समय घटेगा और वायु गुणवत्ता में सुधार भी होगा।
HMRTC से त्वरित कार्रवाई की मांग
NCRTC ने हरियाणा मास रैपिड ट्रांजिट कॉरपोरेशन लिमिटेड (HMRTC) से अपील की है कि वे प्रस्तावित अलाइनमेंट की त्वरित समीक्षा कर इसे मंजूरी प्रदान करें, ताकि DPR कार्य समय पर शुरू हो सके।
गुरुग्राम से ग्रेटर नोएडा तक यह नया RRTS प्रोजेक्ट एनसीआर क्षेत्र में यातायात की तस्वीर बदल सकता है। यह पहल न केवल सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देगी, बल्कि आर्थिक और पर्यावरणीय सुधारों में भी सहायक सिद्ध होगी।