Faridabad Jail Mistake: हरियाणा के फरीदाबाद में नीमका जेल से एक चौंकाने वाली लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां एक ही नाम वाले दो कैदियों में से जिस कैदी को जमानत मिली थी, उसकी जगह जेलकर्मियों ने गलती से दूसरे कैदी को रिहा कर दिया। यह गंभीर प्रशासनिक चूक सामने आने के बाद जेल विभाग ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए पांच कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है।
नाम की वजह से हुई गफलत, गलत कैदी को दी गई रिहाई
जानकारी के अनुसार, नीमका जेल में बंद एक कैदी को अदालत से जमानत मिली थी, लेकिन जेलकर्मियों ने इसी नाम वाले दूसरे कैदी को रिहा कर दिया, जो कि POCSO एक्ट के गंभीर मामले में आरोपी था। जेल प्रशासन ने इस गलती को मानते हुए तुरंत विभागीय कार्रवाई शुरू की और दो वार्डर, एक असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट, एक सब-असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट और एक हवलदार को सस्पेंड कर दिया।
सुपरिंटेंडेंट ने की पुष्टि
नीमका जेल के सुपरिंटेंडेंट हरेंद्र कुमार ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि, “यह एक गंभीर लापरवाही का मामला है, जिस पर हमने तत्काल संज्ञान लिया और पांच कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।”
जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
इस मामले के सामने आने के बाद जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कैदियों की पहचान, दस्तावेज सत्यापन और प्रक्रिया में चूक से ऐसी घटनाएं भविष्य में भी दोहराई जा सकती हैं यदि सिस्टम को अपग्रेड नहीं किया गया।
उच्चस्तरीय जांच की मांग
इस घटना को लेकर अब उच्चस्तरीय जांच की मांग भी उठने लगी है। सुरक्षा विशेषज्ञों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस तरह की चूक को “संवेदनशील मामलों में खतरनाक संकेत” बताया है और जेल प्रशासन की निगरानी प्रक्रिया में सुधार की मांग की है।