पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में स्पष्ट किया है कि ड्राइविंग लाइसेंस की समाप्ति की तारीख के बाद 30 दिनों की ग्रेस अवधि तक लाइसेंस को वैध माना जाएगा। इस दौरान हुई किसी दुर्घटना में इंश्योरेंस कंपनी लाइसेंस की समाप्ति का हवाला देकर मुआवजा देने से इनकार नहीं कर सकती।
मामला क्या था?
यह मामला वर्ष 2003 के जींद के मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल के एक आदेश से जुड़ा था। नेशनल इंश्योरेंस कंपनी ने हाईकोर्ट में अपील करते हुए कहा था कि एक दुर्घटना (04 जुलाई 2001) के समय चालक का लाइसेंस (04 जून 2001 को समाप्त) वैध नहीं था, इसलिए मुआवजे की जिम्मेदारी उस पर नहीं है। लाइसेंस 06 अगस्त 2001 को नवीनीकृत हुआ था।
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस वीरेंद्र अग्रवाल की एकल पीठ ने कंपनी की इस दलील को खारिज कर दिया। अदालत ने मोटर वाहन अधिनियम की धारा 14का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि लाइसेंस समाप्त होने के अगले दिन से 30 दिनों की अवधि तक इसे वैध माना जाता है। इस मामले में, लाइसेंस 04 जून 2001 को समाप्त हुआ था, इसलिए ग्रेस अवधि 05 जून से 04 जुलाई 2001 तक थी। चूंकि दुर्घटना 04 जुलाई 2001 को हुई, जो ग्रेस अवधि का ही आखिरी दिन था, इसलिए दुर्घटना के समय चालक का लाइसेंस कानूनन वैध था।
“30 दिन की ग्रेस अवधि कानूनी संरक्षण है”
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि विभिन्न न्यायिक निर्णयों में यह स्थापित किया जा चुका है कि यदि दुर्घटना इस 30 दिन की अवधि के भीतर होती है, तो चालक को “बिना लाइसेंस” नहीं माना जा सकता। इंश्योरेंस कंपनियां केवल लाइसेंस की औपचारिक समाप्ति का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकतीं, क्योंकि कानून ने ऐसी स्थिति के लिए स्पष्ट संरक्षण दिया है।
ट्रिब्यूनल के आदेश को मिली मंजूरी
हाईकोर्ट ने 04 जनवरी 2003 को ट्रिब्यूनल द्वारा पारित आदेश को सही ठहराते हुए इंश्योरेंस कंपनी की अपील खारिज कर दी। इससे पीड़ित/दावेदार को मिलने वाले मुआवजे पर कोई असर नहीं पड़ेगा और इंश्योरेंस कंपनी को उसे चुकाना होगा।
यह फैसला आम लोगों और वाहन चालकों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत और कानूनी स्पष्टता लाता है। इससे पता चलता है कि लाइसेंस नवीनीकरण में कुछ देरी होने पर भी कानून द्वारा दी गई ग्रेस अवधि तक सुरक्षा का दायरा बना रहता है। हालांकि, सभी वाहन चालकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने ड्राइविंग लाइसेंस का समय पर नवीनीकरण कराएं, ताकि किसी भी कानूनी जटिलता से बचा जा सके।
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